सबसे बुरा होता है चिलचिलाती गर्मी में बिजली का चले जाना। उससे बुरा होता है गर्मी में घंटों बैठकर उसके आने का इंतजार करना। लेकिन जब लाइट नहीं आती, तो कुछ जुगाड़ निकालने पड़ते हैं। कुछ लोग बिजली विभाग के दफ्तर पहुंच कर शिकायत करते है, तो कुछ मामले को सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं। लेकिन भैया, कर्नाटक से बड़ा ही अनोखा केस सामने आया है। यहां जब ‘बिजली विभाग’ लोगों के घरों को रोशन करने में नाकामयाब रहा, तो एक बंदा मिक्सी और मसाले लेकर विभाग के दफ्तर ही पहुंच गया। इसके बाद बंदे ने मिक्सी का तार दफ्तर के सॉकेट से जोड़ा और मसाले पीसने लगा!
दफ्तर जाकर निपटाता है बिजली वाले काम
इस बंदे का नाम एम हनुमंथप्पा (M Hanumanthappa) है, जो शिवमोग्गा जिले के मंगोटे (Mangote) गांव का रहने वाला है। वह लगभग हर दिन मिक्सी, जार और कुछ मोबाइल चार्जर के साथ MESCOM (मैंगलोर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड) के दफ्तर के साथ दफ्तर जाता है, या फिर उसे कोई छोड़ देता है। वह दफ्तर में मसाला पीसने के लिए मिक्सी का इस्तेमाल करता है। सभी मोबाइल फोन चार्ज करता है। बोले तो, बिजली से संबंधित सभी कार्यों को दफ्तर में ही उजाले के समय निपटा लेता है। और हां, इस पर किसी भी अधिकारी को आपत्ति नहीं होती।
क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी?
इस सबकी शुरुआत 10 महीने पहले हुई थी जब हनुमंथप्पा ने अपने घर में उचित बिजली नहीं आने पर शिकायत दर्ज करवाई थी। उनके परिवार को दिन में सिर्फ 3-4 घंटे बिजली मिलती है। कई महीनों की भागदौड़ और झगड़ों के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। इस सबसे थककर हनुमंथप्पा ने MESCOM के एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन किया और बताया कि कैसे बिजली की कमी के कारण वह रोजमर्रा के बुनियादी काम भी नहीं कर पा रहा। इस पर अधिकारी ने गुस्से में हनुमंथप्पा से कह दिया कि वो MESCOM दफ्तर में ऐसा कर सकते हैं!
जल्द हो जाएगा समस्या का समाधान
फिर क्या… हनुमंथप्पा ने अधिकारी की बात को गंभीरता से लिया और उनकी सलाह के अनुसार अपने बुनियादी कामों को करने के लिए रोज ही MESCOM दफ्तर पहुंच जाते हैं। ‘न्यूज 18’ की रिपोर्ट के अनुसार, MESCOM के एक जूनियर अधिकारी ने कहा कि बारिश के कारण IP सेट्स को चार्ज नहीं किया जा सका। हालांकि, उन्होंने वादा किया कि शख्स को एक महीने के भीतर उचित बिजली मिल जाएगी।