Agnipath Scheme: सेना में नई भर्ती स्कीम के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच थलसेना के बाद अब वायुसेना ने भी अग्निवीरों की भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन और परीक्षा की तारीखों का एलान कर दिया है. वायुसेना में अग्निवीरों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं है. इसमें फिजिक्स, मैथ्स और अंग्रेजी अनिवार्य होना चाहिए.
वायुसेना में अग्निवीरों के लिए 24 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगी और 5 जुलाई तक चलेगी. यह रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन तरीके से होगी. इसकी परीक्षा 24 जुलाई को होगी. इसमें शैक्षणिक योग्यता 12वीं मांगी गई है, जिसमें अभ्यार्थी के पास मैथ्स, फिजिक्स और इंग्लिश अनिवार्य हो. इसके साथ ही, इंग्लिश में पचास प्रतिशत अंक अनिवार्य किया गया है. या फिर इंजीनियरिंग में तीन साल का डिप्लोमा कोर्स (मैकेनिक/इलैक्ट्रिकल/इलेक्ट्रोनिक्स/ऑटोमोबाइल/ कंप्यूटर साइंस/इंस्ट्रूमेंटल टेक्नोलॉज/इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) 50 प्रतिशत अंकों के साथ किसी सरकार मान्यता प्राप्त पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट से होना चाहिए.
सेना के लिए जुलाई में रजिस्ट्रेशन
इधर, सोमवार को सेना ने जुलाई से अग्निपथ योजना के तहत नौकरी के आकांक्षी युवाओं के लिए अनिवार्य ऑनलाइन पंजीकरण को लेकर एक अधिसूचना जारी की. दूसरी तरफ अग्निपथ योजना के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए वर्षों पुरानी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, जो संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है और इसके लिये संसद की मंजूरी भी नहीं ली गई है. अधिवक्ता एम एल शर्मा द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए सबंधित अधिसूचना को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने का अनुरोध किया गया है.
विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि फैसले और सुधार अस्थायी रूप से अप्रिय हो सकते हैं लेकिन समय के साथ देश को उनका लाभ महसूस होगा. कर्नाटक में विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन या शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सुधारों का मार्ग ही हमें नए लक्ष्यों और नए संकल्प की ओर ले जा सकता है… हमने अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र को खोल दिया है जो दशकों तक सरकारी नियंत्रण में थे.’’
हालांकि, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अग्निपथ मुद्दे पर प्रधानमंत्री की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया. अग्निपथ योजना पर रक्षा मंत्रालय में सेना की तीनों इकाइयों के संवाददाता सम्मेलन के एक दिन बाद खड़गे ने कहा, ‘‘75 वर्षों में पहली बार, सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय का बचाव करने के लिए सेना प्रमुखों को आगे किया गया है.’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री अग्निपथ योजना पर चुप क्यों हैं?