रायपुर। पर्यावरण विद मेघा पाटकर (Megha Patkar)ने कहा कि हसदेव के जंगल(Hasdev’s forest) को बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे, वे हसदेव बचाओ आंदोलनकारियों की सभा में बोल रही थी, इसके बाद वे सैकड़ों समर्थकों के साथ हसदेव क्षेत्र के लिए रवाना हो गई।
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हसदेव का जंगल बचाने के लिए चल रहे आंदोलन को पर्यावरण विद मेघा पाटकर ने अपना समर्थन दिया है। पाटकर ने कहां हसदेव को बचाने अंतिम सांस तक लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि नर्मदा बचाने के लिए 37 वर्षों से आंदोलन चल रहा है। प्राण वायु तथा पानी देने वाले इस जंगल को कोयले के लिए नहीं कटने देंगे। उन्होंने इसके लिए प्राण तक देने की घोषणा की। मेघा पाटकर ने कहा केंद्र और राज्य की सरकारे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप रहकर हिंदू मुस्लिम विवाद से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। उन्होंने हसदेव बचाओ आंदोलनकारियों की एक सभा को भी संबोधित किया, सुश्री पाटकर के आने से हसदेव बचाओ आंदोलन अब गंभीर दौर में प्रवेश कर गया है।