भिलाई – चरोदा नगर निगम की सामान्य सभा में प्रश्नकाल नहीं रखे जाने को लेकर विपक्षी भाजपा पार्षदों ने सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा। इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के बीच काफी देर तक नोंकझोंक चली। महापौर निर्मल कोसरे ने सामान्य सभा के आयोजन और उसकी रुपरेखा को सभापति का विशेषाधिकार करार देते हुए अधिनियम के तहत बैठक रखे जाने का जवाब दिया।
सभापति कृष्णा चंद्राकर के निर्देश पर दोपहर 12 बजे निगम की सामान्य सभा शुरू हुई। महापौर निर्मल कोसरे एवं आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर सहित एमआईसी सदस्य, पक्ष विपक्ष के पार्षद व सांसद प्रतिनिधि की मौजूदगी में निगम सचिव अश्वनी चन्द्राकर ने विषय सूची का वाचन किया। चन्द्राकर अभी तीसरे प्रस्ताव को पढ़ ही रहे थे कि भाजपा पार्षद चन्द्र प्रकाश पाण्डेय ने सभापति से अनुमति लेकर सामान्य सभा में प्रश्नकाल नहीं रखे जाने का कारण पूछा।
आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर ने इस सवाल का संबंध सभापति और निगम सचिवालय पर टाल दिया। आयुक्त ने यह भी बताया कि कलेक्टर के आदेश पर अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के गणना की सूची को मंजूरी देने के लिए सामान्य सभा रखना अनिवार्य था। जबकि महापौर निर्मल कोसरे ने बताया कि भाजपा के 16 पार्षदों ने महापौर, सभापति एवं आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर सामान्य सभा आहुत करने की मांग रखी थी। उसी के तहत यह सामान्य सभा रखी गई है।
इसके बावजूद प्रश्नकाल नहीं रखे जाने पर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था। विपक्ष के पार्षद फिरोज फारुकी, तुलसी ध्रुव और राम खिलावन वर्मा ने भी चन्द्र प्रकाश पाण्डेय के सवाल का समर्थन करते हुए यह मांग रखी कि इस सामान्य सभा में केवल अन्य पिछड़ा वर्ग सर्वे से जुड़े प्रस्ताव पर ही निर्णय लिया जाए। वहीं बाकी प्रस्तावों पर चर्चा के लिए आने वाले दिनों में सामान्य सभा रखा जाए। इसके बाद महापौर निर्मल कोसरे ने कहा कि 16 पार्षदों की मांग पर यह सामान्य सभा रखी गई है। नियम के तहत प्रश्नकाल तभी रखा जाता है जब सामान्य सभा के लिए कम से कम 60 दिन का समय उपलब्ध रहे। लेकिन एक तिहाई पार्षदों की मांग पर 15 से 20 दिन के भीतर ही सामान्य सभा आयोजित करने का नियम का पालन किए जाने की वजह से इस बार प्रश्नकाल नहीं रखा गया । समाचार लिखे जाने तक सामान्य सभा की कार्यवाही जारी रही।