Health News : ऐसी कई परेशानियां आज हमारे सामने है जो सिर्फ बड़े-बुर्जुगों तक ही सीमित नहीं, बल्कि कम उम्र में भी पाई जाने लगी हैं। उनमें से एक है घुटनों में दर्द(knee pain)। हमारे शरीर के लिए घुटनों (knees)का स्वास्थ्य (Health)काफी महत्त्वपूर्ण है। इसकी मदद से हम चलने, दौड़ने, उठने और बैठने जैसी गतिविधियां कर पाते हैं। यहां तक कि ये हमारे शरीर के वज़न को संभालने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। याद रहे, अगर घुटनों में दर्द की समस्या उत्पन्न होती है, तो ये हमारे दिनचर्या (routine)की जिंदगी पर काफी असर डालती है।
यह बात आप और हम जानते हैं कि वक्त के साथ इंसान को अपने शरीर में बदलाव महसूस होता है लेकिन अगर आपकी आयु कम है और फिर भी जोड़ों में दर्द की समस्या से आप प्रभावित हैं, तो कृपया सतर्क हो जाएं। इंसान अपने जीवन में कई ऐसी आदतों को अपना लेता है जो उसके लिए परेशानी की वजह बन सकती हैं।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे कारण जिनकी वजह से इंसान को घुटने में दर्द की अनुभूति हो सकती है।
घुटनों में दर्द के कुछ कारण
1. बैठने का गलत तरीका
आजकल यह देखने में आता है कि लोग कई ऐसे कामों में ढले रहते हैं जिसकी वजह से उनके जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाती है। जैसे कि ऑफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करने से निष्क्रियता हो सकती है। ऐसी हालत में मांसपेशियों और टेन्डंस में दर्द हो सकता है।
याद रहे कि अगर आप लंबे समय तक बैठ कर काम करते हैं तो अपनी पोजीशन को सही रखें और एक नियमित अंतराल में थोड़ा उठकर बैठ जाएं। अन्यथा घुटनों की कैप पर भार आने की वजह से दर्द हो सकता है।
2. आर्थराइटिस
अगर किसी इंसान में आर्थराइटिस की समस्या पाई जाती है, तो यह बड़ी ही चिंता का विषय है। यह स्थिति जोड़ों में सूजन पैदा कर देती है। यह परेशानी वैसे तो ज्यादा उम्र वाले लोगों में दिखाई देती है। बैठने, लंबे समय तक खड़े रहने, पालथी मोडकर बैठने, लंबे समय तक जमीन पर बैठने जैसी गतिविधियों से भी आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द का खतरा बढ़ सकता है।
कुछ कारणों से इसका असर बच्चों और युवा वर्ग में भी देखने को मिलता है।
अगर आप भी लंबे समय से घुटनों में दर्द से परेशान हैं, तो किसी विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूर लें ।
3. बर्साइटिस
अगर बर्सा में सूजन या जलन की अनुभूति हो, तो यह बर्साइटिस कहलाता है। बर्सा को आप तरल पदार्थ की थैली के रूप में समझ सकते हैं। यह हमारे जोड़ों में कुशन की तरह काम करते हैं। आमतौर पर यह दिक्कत खेल से जुड़े लोगों में पाई जाती है। क्योंकि यह उन जोड़ों को ज्यादा प्रभावित करता है जिनमें एक ही गतिविधि बार-बार दोहराई जाती है। इसके अलावा जिम जाने वाले और ज्यादा वजन उठाने वाले लोगों को भी यह समस्या हो सकती है।
4. मोटापा
अगर शरीर का वजन अधिक है, तो हमारे घुटनों पर भी ज्यादा भार पड़ जाता है। मोटापे की स्थिति में लंबे समय तक खड़े रहने पर घुटनों में प्रभाव पड़ता है। और यह परिस्थति दर्द का कारण बन सकती है। इसलिए कोशिश कीजिए अपने आप को स्वस्थ, और वजन को संतुलित रखने की।
5. फ्रेक्चर
किसी भिड़ंत या ज़ोर से गिरने पर घुटनों की हड्डियां, जिसमें घुटने की कैप भी शामिल हैं, टूट सकती है।
और अगर ऐसा होता है, तो हड्डियों में फ्रैक्चर की सम्भावना बढ़ जाती है ऐसी स्थिति में घुटनों और हड्डियों का ख्याल रखें ।
6. मांसपेशियों में बदलाव
मुमकिन है कि मांसपेशियों में बदलाव की वजह से घुटनों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो। इसलिए युवाओं को चाहिए कि वो अपनी मांसपेशियों के विकास और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
7. संतुलित आहार की कमी
अक्सर हमारे आहार में कुछ विटामिन की कमी होने के कारण भी हमारे मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द बना रहता है इसमें से मुख्य रूप से विटामिन बी12 और विटामिन डी3 की कमी के कारण जोड़ो में दर्द और मांसपेशियों में दर्द होने की सम्भावना रहती है।
घुटनों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए इन बातों का रखें खास ध्यान
. नियमित संतुलित आहार का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक जरुरी है, इसमें प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा अधिक होनी चाहिए
. दूध, दही, पनीर, चीज़ इत्यादि का सेवन करें जिससे हड्डियों को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलती रहे
. नियमित कसरत करें और ध्यान रखे की शरीर का वजन अत्यधिक न बढे इससे शरीर का भार घुटनों और टखनो पर आने से सुजन आने की सम्भावना बढ़ जाती है
. चलने से घुटने नहीं घिसते इस अफवाह से बचे और नरम सोल वाले जूते पहनकर नियमित वाक करें या साइकिलिंग करें
. ज्यादा सीडी उतरना चड़ना, पालथी मोडकर लम्बे समय तक बैठना, लम्बे समय तक खड़े रहना, उबड़ खाबड़ सडको पर चलना ऐसी गतिविधियाँ न करें इससे घुटनों में घिसाव की सम्भावना बढती है