ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। BREAKING NEWS झारखंड से हादसे की बड़ी खबर सामने आ रही है, यहाँ गिरिडीह से कोडरमा (koderma) घुमने आए लोगों का नाव रविवार सुबह 11 बजे पंचखेरों डैम में पलट गया। हादसे में पांच बच्चे सहित 8 लोगों के डूबने की खबर है। वहीं दो लोगों ने तैरकर अपनी जान बचाई। जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों की भीड़ घटनास्थल पर जुट गई। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस डैम में डूबे लोगों की तालाश कर रही है। नाव पर नाविक सहित कुल 10 लोग बैठे थे, जिसमें नाविक और प्रदीप नाम का युवक तैरकर अपनी जान बचाने में सफल रहा। बता दें कि पंचखेरों डैम (Panchkhero Dam) झारखंड के कोडरमा जिले के मरकच्चो प्रखंड अंतर्गत कोडरमा और गिरिडीह जिले की सीमा स्थित है। डूबने वाले सभी लोग गिरिडीह के रहने वाले थे।
आकर्षक डैम में अक्सर आते हैं सैलानी
डैम की सुंदरता व इसके आसपास की वादियां सैलानियों को आकर्षित करती है। बड़ी तादाद में स्थानीय व आसपास के जिलों के लोग यहां घूमने आते हैं। पंचचखेरों डैम का निर्माण पांच वष्र पहले ही हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार डूबने वालों में पांच बच्चे, दो महिला और दो पुरुष समेत कुल 9 लोग शामिल हैं, ये सभी गिरिडीह जिले के राजधनवार प्रखंड के खेन्तो गांव के बताए जा रहे हैं। नाव पर बैठे सभी लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं।
गोताखोरों की मदद से लापता की तालाश कर रही पुलिस
मौके पर स्थानीय लोग और मरकच्चो थाना पुलिस गोताखोरों की मदद से लापता लोगों की तलाश कर रही है। वहीं घटनास्थल पर पुलिस बल के साथ मरकच्चो सीईओ राम सुमन प्रसाद पहुंचे। मौके पर काफी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद हैं। वहीं केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने घटना की सूचना मिलते ही कोडरमा और गिरिडीह के उपायुक्तों से बात कर पूरे मामले की जानकारी ली है और राहत कार्य चलाने को कहा है। उन्होंने अपने फेसबुक टाइमलाइन पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है- मरकच्चो (कोडरमा) के पंचखेरो डैम में गिरिडीह के विभिन्न इलाकों के 10 लोगों के डूबने की खबर पाकर व्यथित हूं। ईश्वर की कृपा से दो लोगों के सुरक्षित निकलने की सूचना प्राप्त हुई है। शेष 8 लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है। मैंने कोडरमा और गिरिडीह के उपायुक्तों से बात की है। राहत और बचाव कार्य तत्परता से चलाने को कहा है। NDRF की टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। स्थानीय कार्यकर्ता भी पूरी तत्परता से बचाव कार्य में लगे हैं।
फरवरी में गई थी 14 की जान
इससे पहले 24 फरवरी को भी जामताड़ा में इस तरह की घटना हो चुकी है। उस समय हुए हादसे में 14 लोगों की जान चली गई थी। जामताड़ा के बिरगांव बराकर नदी में आंधी-तूफान की वजह से नाव अनियंत्रित होकर पलट गई थी, जिसमें 14 की मौत हो गई थी और चार लोगों ने तैरकर अपनी जान बचाई थी। हादसे के शिकार सभी लोग धनबाद के रहने वाले थे।