भीषण गर्मी से यूरोप के हर कोने में हाहाकार मचा हुआ है। बढ़ते तापमान( temperature) की वजह से जहां फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल और ग्रीस के जंगलों में आग लग गई, तो वहीं ब्रिटेन की सड़कें और रेलवे ट्रैक पिघल रहे हैं। इतिहास में पहली बार यहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया।
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2003 में भी यूरोप हीट वेव ( heat wave)की चपेट में आया था, जिसमें 70 हजार लोगों की मौत हुई थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस साल पश्चिमी यूरोप से उत्तर की तरफ रुख कर रही हीट वेव की तीव्रता दुनिया के बाकी हिस्सों के मुकाबले काफी ज्यादा है। चिंता की बात यह है कि यहां गर्मी के मौसम के दो महीने अब भी बचे हुए हैं।
क्या है हीट वेव ( heat wave)
किसी इलाके में तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाए और ऐसा कई दिनों तक बना रहे, तब उसे हीट वेव कहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में तापमान बढ़ने के कारण हमें पानी, खाना और ऊर्जा की कमी के साथ-साथ गंभीर बीमारियां, वक्त से पहले मौत और अपंगता का सामना करना पड़ सकता है।