नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रहे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को अब धीरे-धीरे सफलता हासिल हो रही है।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोरोना वैक्सीन बनाने का काम एक प्रमुख वैज्ञानिक ने बुधवार को कहा कि वैज्ञानिकों की टीम को अपने परीक्षणों(ट्रायल) में प्रतिरोधी प्रतिक्रिया(immune response) को लेकर अब तक सकारात्मक परिणाम मिले है। लेकिन वैज्ञानिक ने इसके साथ ही कोरोना वैक्सीन तैयार होने के लिए एक निश्चित समय सीमा देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम ये नहीं सकते कि यह कब तक तैयार हो सकता है।
संसदीय सुनवाई में बोलते हुए विश्वविद्यालय में वैक्सीनोलॉजी की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने कहा कि 8000 स्वयंसेवकों को वैक्सीन AZD1222 में इसके परीक्षण के फेज- III के लिए नामांकित किया गया था, जिसे एस्ट्राज़ेनेका का लाइसेंस दिया गया था। गिल्बर्ट ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि हम प्रतिरोधी प्रतिक्रिया के खिलाफ अच्छा रिस्पॉन्स देख रहे हैं। यह कोरोना के खिलाफ मरीजों को सुरक्षा देगा। यह सही तरीके से काम कर रहा है।
ऑक्सफोर्ड की वैज्ञानिक सारा गिल्बर्ट ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के मानव ट्रायल के तीसरे चरण का मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है। यह देखा जा रहा है कि 18 साल से अधिक आयु के लोगों में वैक्सीन कैसे काम करता है और यह वैक्सीन कोरोना से संक्रमित लोगों को अस्वस्थ होने से बचाने के लिए कितना अच्छा काम करता है।
फिलहाल कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने की दौड़ जारी है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तरी गोलार्ध के सर्दियों के मौसम में इस साल के अंत तक कोरोना के मामलों में तेजी आने की आशंका जताई गई है। ब्रिटेन सरकार की वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्ष केट बिंघम ने कहा है कि ऑक्सफोर्ड कार्यक्रम को छोड़कर, उन्हें उम्मीद है कि 2021 की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन को लेकर सफलता मिलेगी। ऑक्सफोर्ड की वैज्ञानिक सारा गिल्बर्ट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका ऑक्सफोर्ड टीका पहले बन जाए, लेकिन वह अधिक विशिष्ट नहीं होगा क्योंकि टीके के विकसित होने का समय मानव परीक्षण के परिणामों पर निर्भर करेगा।