रायपुर। स्कूलों में प्रार्थना के वक्त अब छत्तीसगढ़ का राज्यगीत अरपा पैरी के धार भी गाया जाएगा। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा कार्यालयों को पत्र भेजा है। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ने शनिवार को उक्ताशय का आदेश जारी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि स्कूल शिक्षा विभाग, महानदी भवन नवा रायपुर से 2 जुलाई को जारी पत्र के मुताबिक प्रदेश के सभी स्कूलों में राज्यगीत अरपा पैरी के धार को प्रार्थना में शामिल किया जाना है।
इसके रचयिता स्व. नरेंद्र देव वर्मा हैं। विदित हो कि प्रदेश के लोक कलाकारों में गीत काफी लोकप्रिय रहा है और लोककला मंचों के माध्यम से इसकी पिछले कई वर्षों से प्रस्तुति दी जाती रही। इस छत्तीसगढ़ी गीत को वर्ष 2019 में ही राजपत्र में प्रकाशित कर राज्यगीत का दर्जा दिया गया है।
यह है राज्यगीत के बोल
अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार
इँदिरावती हा पखारय तोर पईयां
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईयाहो हो हो आ….सोहय बिंदिया सहीं, घाट डोंगरी पहार ..(x2)
चंदा सुरूज बनय तोर नैना
हो चंदा सुरूज बनय तोर नैना
सोनहा धाने के अंग, लुगरा हरियर हे रंग..(x2)
तोर बोली हावय सुग्घर मैना
अंचरा तोर डोलावय पुरवईया
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
हो हो हो आ…
रयगढ़ हावय सुग्घर, तोरे मउरे मुकुट..(x2)
सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां
सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां
रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय
रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय
दुरूग बस्तर सोहय पैजनियाँ
नांदगांव नवा करधनिया
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया