कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। गैंगस्टर विकास दुबे के संपर्क में चैबेपुर पुलिस थाना के दो दारोगा और एक सिपाही थे, इनकी कॉल डिटेल खंगालने के बाद इस रहस्य से पर्दा उठ गया है। इसके बाद दारोगा कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा समेत सिपाही राजीव को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि रविवार को विकास दुबे का करीबी दयाशंकर अग्निहोत्री पकड़ा गया था, उसने कबूल किया था कि विकास दुबे ने ही पुलिसवालों पर गोली चलाई थी। दयाशंकर ने बताया था कि रेड की खबर विकास को थाने से पता चली थी, जिसके बाद विकास ने 25-30 लोगों को बुलाया था। यह सभी लोग हथियारों से लैस थे।
गिरफ्त में आए दयाशंकर ने पुलिस को बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे ने दहशत के जरिए अपना साम्राज्य स्थापित करना शुरू किया। हत्या, अपहरण जैसी वारदातों को अंजाम देकर वह खौफ पैदा करता चला गया। इसकी आड़ में उसने अवैध शराब का धंधा, राशन कोटे पर कब्जा और हथियारों की तस्करी को अपना धंधा बनाता चला गया।
इस खुलासे के बाद पुलिस ने उन पुलिसकर्मियों की तलाश शुरू कर दी थी, जो विकास दुबे के संपर्क में थे। चैबेपुर पुलिस थाने के सभी पुलिसकर्मियों के कॉल डिटेल खंगाले गए, कॉल डिटेल खंगालने के दौरान खुलासा हुआ कि चैबपुर के तीन पुलिसकर्मी विकास दुबे के संपर्क में थे। इसके बाद एसएसपी ने आरोपी दारोगा कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा के साथ कॉन्स्टेबल राजीव को सस्पेंड कर दिया है और इन तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इस शूटआउट के बाद से ही चैबेपुर थाने के पुलिसकर्मियों की विकास दुबे से मिलीभगत की जानकारी सामने आई थी।
पुलिस की गिरफ्त से बाहर विकास
8 पुलिसवालों की जान लेने वाले विकास दुबे की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। विकास दुबे की संपत्ति और बैंक खातों पर भी पुलिस की नजर बनी हुई है। इस बीच तीन दिन बाद भी विकास का कोई सुराग नहीं मिला है। मोस्ट वांडेट विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।