मुंबई। कोरोना वायरस से लड़ने में कोरोना वारियर्स का योगदान अतुलनीय है। इस वायरस को हराने के लिए डॉक्टर्स और नर्सेस दिन-रात मेहनत कर रहे है, लेकिन कुछ अस्पताल पूरी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। कुछ कोविड-19 अस्पतालों के कर्मचारियों के व्यवहार से पूरी इंसानियत शर्मसार हो रही है।
कोरोना मरीजों के शवों के साथ बर्बरता के कई मामले सामने आ चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बकायदा कुछ अस्पतालों और सरकारों को फटकार भी लगाई है। इसके बाद भी अस्पतालों की लापरवाही कम नहीं हो रही हैं। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के मुंबई में भी सामना आया।
मुंबई के बीएमसी के एक अस्पताल में एक लड़के को अपनी मां का शव बैग में भरकर एंबुलेंस तक लाना पड़ा। दरअसल बीएमसी अस्पताल में एक कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारी महिला के बेटे से शव ले जाने की जल्दबाजी करने लगे।
पीड़ित ने कर्मचारियों से मदद मांगी तो उन्होंने इंकार कर दिया। इतना ही नहीं अस्पताल ने स्ट्रैचर भी देने से मना कर दिया। पीड़ित के पास पीपीई किट भी नहीं थी। इसके बाद भी अस्पताल कर्मचारियों को उस पर रहम नहीं आई, वे लगातार उस पर डेड बॉडी हटाने का दबाव डाल रहे थे।
जिसके बाद उसने अपने एक दोस्त की सहायता से अपनी मां के शव को एक बड़े बैग में पैक किया और एंबुलेंस तक पहुंचाया। वहीं अस्पताल प्रशासन ने इस खबर पर सफाई देते हुए कहा कि संबंधित कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए दो स्टाफ को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा जांच भी जारी है।