Bihar Legislative Assembly: नीतीश कुमार ने बुधवार को राजभवन में बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 21 महीने बाद यह दूसरा मौका है, जब उन्होंने सीएम पद की शपथ ली. जबकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 7 साल में नीतीश आठवीं बार सीएम बने हैं, जो बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक रिकॉर्ड है. पिछले कई दिनों की जबरदस्त सियासी हलचल के बाद बिहार में BJP और JDU गठबंधन टूट गया, जिसके बाद नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार बना रहे हैं. शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पैर छुए और सीएम ने उन्हें गले भी लगाया.
9 साल में 2 बार गठबंधन बदल चुके हैं नीतीश कुमार
नीतीश कुमार 2013 में भाजपा और 2017 में राजद से गठबंधन तोड़ चुके हैं. दोनों ही बार उन्होंने सरकार बनाई थी और सूबे के मुख्यमंत्री बने थे. एक बार फिर बारी थी NDA से नाता तोड़ने की जिसको बड़े ही खामोश राजनीतिक अंदाज में नीतीश कुमार ने अंजाम तक पहुंचाया.
लेकिन इतने सालों की उठापटक और बदलाव के सियासी ड्रामों के बीच एक बात कभी नहीं बदली, वो है बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले नीतीश कुमार का नाम. नए गठबंधन और नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियों के बीच एनडीए गठबंधन तोड़ने के खिलाफ बीजेपी ने धरना प्रदर्शन किया.
मंगलवार को तेजी से बदला घटनाक्रम
मंगलवार शाम को नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी और अपना इस्तीफा सौंपा था. समर्थन पत्र सौंपे जाने के दौरान नीतीश के साथ तेजस्वी यादव भी राजभवन में मौजूद थे. राजभवन से निकलते हुए दोनों नेताओं ने बाहर मौजूद अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उनका अभिवादन स्वीकार किया. राजभवन से मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 1 अणे मार्ग तक नीतीश और तेजस्वी पैदल की गए.
1 अणे मार्ग के मुख्य प्रवेश गेट पर पहुंच कर दोनों ने वहां मीडिया से बातचीत की थी. इस दौरान तेजस्वी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला था. तेजस्वी ने कहा था कि भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी उनके साथ नहीं टिक पाता है. इतिहास बताता है कि भाजपा उन दलों को खत्म कर देती है जिनके साथ वह गठबंधन करती है. हमने देखा है कि पंजाब और महाराष्ट्र में क्या हुआ.