गुजरात और राजस्थान के पशुओं में तबाही मचा रही बीमारी लंपी स्किन रोग की रोकथाम के लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार, पिछले दो तीन महीनों में आधा दर्जन राज्यों में फैल चुका संक्रामक रोग, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश भी चपेट में आ गया है। लंपी स्किन रोग के चलते गुजरात और राजस्थान के कई हजार पशुओं की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मौत दुधारू गाय और भैंसों की हुई है.
लंपी स्किन रोग को रोकने के लिए स्वदेशी वैक्सीन हिसार स्थित आईसीएआर के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने तैयार की है।
संस्थान के निदेशक यशपाल ने बताया कि इस बीमारी को देश सबसे पहले उड़ीसा में चिन्हित किया गया था। लेकिन वर्ष 2019 में झारखंड के रांची से इसके सैंपल लिए गये। उसके बाद से संस्थान इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में था। लेकिन गुजरात और राजस्थान में लंपी स्किन रोग संक्रामक रोग की तरह फैला तो लोगों की आंख खुली। इन दोनों राज्यों में हजारों की संख्या में बहुमूल्य पशुओं की मौत हुई है। अनुसंधान संस्थान ने अपना रिसर्च कार्य तेज करते हुए वैक्सीन को अंजाम दिया है.
कामर्शिएलाइजेशन की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बीमारी की गंभीरता को देखते हुए आईसीएआर को जल्दी जल्दी इसके कामर्शिएलाइजेशन की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया है। संस्थान के निदेशक ने बताया कि वैक्सीन की तकनीक को किसी निजी व सरकारी कंपनी को सौंपने का काम अगले एक पखवाड़े में पूरा कर लिया जाएगा।
पशुओं में होने वाला यह रोग चिकेन पॉक्स की तरह होता है। लेकिन इसमें पशुओं के शरीर पर फोड़े फोड़े होने लगते है। बुखार और तकलीफ से ग्रसित पशुओं की प्रजनन क्षमता और दूध देने की क्षमता क्षरण हो जाता है। शुरू में जहां इसके प्रकोप से ग्रसित होने वाले पशुओं में मौत की दर मात्र एक फीसद तक सीमित थी, वह बढ़कर अब 10 फीसद तक पहुँचे गई है। यह अत्यंत घातक होने लगा है