करोड़ों की बेशकीमती जमीन विवाद मामले में हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है । यह विवादित जमीन है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनैतिक गुरू स्व चंदुलाल चंद्राकर के फॉर्म हाउस कोलिहापुरी की है , जहां उनकी समाधि स्थल भी बनी हुई है। हाइकोर्ट ने इस जमीन के बटवारे में रोक लगा दी।
दरअसल छत्तीसगढ़ के निर्विवाद छवि कहे जाने वाले कद्दावर नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व चंदुलाल चंद्राकर फॉर्म हाउस कोलिहापुरी की करोड़ों की जमीन के लिए झूठा बयान देकर और शपथ पत्र बनाकर गलत तरीके से बटवारे के लिए आवेदन उनके परिजनों ने लगाया गया था। जिसके खिलाफ एक अन्य परिजन व याचिकाकर्ता गीता बाई ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दुर्ग बालोद मुख्य मार्ग में ग्राम कोलिहापुरी तहसील व जिला दुर्गं स्थित भूमि खसरा नम्बर 18, 19/ 2 दोनों का कुल रकबा 4.19 हेक्टेयर भूमि जिसमें स्व. चन्दूलाल चन्द्राकर की समाधि भी बनी हुई है। उस संबंध में अपने रिश्तेदार व लोक सभा के पूर्व दावेदार हिमकर चन्द्राकर, चित्ररेखा चन्द्राकर, प्रहलाद चन्द्राकर, भिलाई निगम के जोन आयुक्त परमेश्वर चन्द्राकर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय चन्द्राकर, मोहनलाल चन्द्राकर, हेमलाल चन्द्राकर के विरूद्ध छलकपट धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। दुर्ग की तहसीलदार प्रेरणा सिंह को पक्षकार बनाकर छ.ग. उच्च न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया और यह आधार लिया की इसी भूमि के संबंध में इन पक्षकारों के मध्य नायब तहसीलदार दुर्ग ने 8/09/2017 आदेश पारित करके खाता विभाजन के आवेदन को नस्तीबद्ध कर उभयपक्षकारों को सिविल कोर्ट जाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद हिमकर चन्द्राकर ने पूर्व आदेश, दस्तावेज और तथ्यों को छुपाकर शपथपूर्वक झूठा कथन करते हुए उसी खसरा नम्बर की भूमि के संबंध में पुनः खाता विभाजन का आवेदन दिया। जिसमें अवैधानिक तरीके से गीता बाई को छोड़कर शेष सभी व्यक्ति तहसीलदार प्रेरणा सिंह के न्यायालय में पहली पेशी में उपस्थित हुए। आवेदक के आवेदन व शपथपत्र को स्वीकार कर खाता विभाजन की सहमति दी और सभी अनावेदकों ने तहसीलदार प्रेरणा सिंग से तथ्यों को छुपाकर झूठा शपथपत्र दिया कि जमीन पाक साफ है और पूर्व के आदेशों को भी छुपा लिया। इस बात की जानकारी होने पर गीता बाई ने पूर्व प्रकरण के रिकार्ड हेतु आवेदन व झूठा शपथपत्र देने के संबंध में धारा 195 का आवेदन व धारा 11 सीपीसी का आवेदन प्रस्तुत किया। जिस पर विधि अनुसार कार्यवाही व आदेश पत्रिका संधारित नहीं की गई और इस पूरे फाईल का सर्टिफाईट कापी निकालकर गीता बाई ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छ.ग. उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका लगाई और साथ स्थगन आवेदन भी लगाया। यह आधार लिया की जिस जमीन का व्यवहार वादक 393/ 2020 सतीश चन्द्र सुराना विरुद्ध हिमकर दुर्ग न्यायालय में लम्बित है। उसे पाकसाफ दर्शाकर आवेदन लगाए है। जिस जमीन के संबंध में पूर्व में खाता विभाजन का आवेदन खारिज हो चुका है। जिस जमीन के संबंध में चुका प्रहलाद चन्द्राकर ने स्वयं आपत्ति लगाकर उसे आवासीय और व्यवसायिक बताया था। उसी प्रहलाद चन्द्राकर ने झूठा शपथपत्र देकर हिमकर चन्द्राकर का साथ दिया। जो न्यायालय के साथ छलकपट और धोखाधड़ी किया है। इन सब आधारों को देखकर और सन्तुष्ट होने के बाद उच्च न्यायालय बिलासपुर ने गीता बाई के पक्ष में प्रथम दृष्टि मामला पाकर तहसील कोर्ट की कार्यवाही को स्थगित रखने का आदेश दिया है। इस मामले को लेकर आरटीआई से जानकारी प्राप्त कर तहसील न्यायालय में आपत्ति लगाकर तहसीलदार प्रेरणा सिंह और लोक सभा के पूर्व दावेदार हिमकर चन्द्राकर, चित्ररेखा चन्द्राकर, प्रहलाद चन्द्राकर, भिलाई निगम के जोन आयुक्त परमेश्वर चन्द्राकर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय चन्द्राकर, मोहनलाल चन्द्राकर, हेमलाल चन्द्राकर के विरुद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों रायपुर में शिकायत की है। जिसकी जांच जारी है।