अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का आर्टेमिस-1 मून मिशन पोस्टपोन हो गया है। रॉकेट ( rocket)के चार में से एक इंजन में आई खराबी के कारण इसकी लॉन्चिंग के लिए चल रहे काउंट डाउन को कुछ देर पहले रोक दिया गया था। रॉकेट की लॉन्चिंग भारतीय समय अनुसार सोमवार शाम 6.03 पर होनी थी।
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नासा के नई प्लानिंग ( planning)के तहत रॉकेट की लॉन्चिंग 2016 में होनी थी। इसके बाद डोनल्ड ट्रम्प सरकार ने 2017 में आर्टेमिस मिशन को ऑफिशियल नाम दिया। इसमें देरी होने के बाद 2019 में उस वक्त के नासा एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडनस्टीन को पता चला कि रॉकेट को तैयार करने में अभी एक साल का समय और लगेगा।
आर्टेमिस-1 का रॉकेट ‘हेवी लिफ्ट’
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर( bolder) के प्रोफेसर और वैज्ञानिक जैक बर्न्स का कहना है कि आर्टेमिस-1 का रॉकेट ‘हेवी लिफ्ट’ है और इसमें अब तक के रॉकेट्स के मुकाबले सबसे शक्तिशाली इंजन लगे हैं। यह चंद्रमा तक जाएगा, कुछ छोटे सैटेलाइट्स को उसके ऑर्बिट (कक्षा) में छोड़ेगा और फिर खुद ऑर्बिट में ही स्थापित हो जाएगा।
अपोलो मिशन से कैसे अलग है आर्टेमिस?
अपोलो मिशन की परिकल्पना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जे एफ केनेडी ने सोवियत संघ को मात देने के लिए की थी। उनका लक्ष्य सिर्फ अंतरिक्ष यात्रा नहीं था, बल्कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी की फील्ड में अमेरिका को दुनिया में पहले स्थान पर स्थापित करना था। हालांकि, अब करीब 50 साल बाद माहौल अलग है।