केरल हाईकोर्ट ( keral highcourt) देश में बढ़ते तलाक के मामलों पर चिंता जताई है। तलाक की एक याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि नई पीढ़ी शादी को बुराई मानती है, आजादी के लिए वो इससे दूर भागती है। यही वजह है कि आज लिव इन रिलेशनशिप (relationship) मामले बढ़ रहे हैं।
हाईकोर्ट ने कहा- नई पीढ़ी जिम्मेदारियों से मुक्त रहना चाहती है। वे WIFE शब्द को ‘Worry Invited For Ever (हमेशा के लिए चिंता) के रूप में समझते हैं। जबकि पहले ये Wise Investment For Ever (हमेशा के लिए समझदारी का निवेश) था। इसलिए शादी करने के बजाय लिव इन रिलेशनशिप में रहना ज्यादा पसंद करते हैं।
2009 में हुई थी शादी( marriage)
दरअसल, कोर्ट में एक दंपती ने तलाक की अर्जी दाखिल की थी। 2006 में उनकी मुलाकात दिल्ली में हुई थी। इसके बाद 2009 में दोनों ने शादी कर ली, उनके तीन बच्चे हैं। पति ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है।
पति को पत्नी के एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर होने का शक
पति ने अपनी अर्जी में कहा कि 2017 के बाद से पत्नी का व्यवहार बदलने लगा। उसे पत्नी के किसी अन्य शख्स के साथ संबंध होने का शक है। पति ने पहले अलाप्पुझा फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी।