कोरबा : छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत मामला फिर से गरमा गया है. जानकारी के मुताबिक कुदमरा रेंज के अंर्तगत गुरमा में 25 दिन से गंभीर बीमारी के कारण जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हाथी ने आखिरकार बुधवार को दम तोड़ दिया. गुरमा में एक ग्रामीण गजाराम के घर के आंगन में छटपटाता बीमार हाथी मिला था. वन विभाग व डॉक्टर की टीम ने स्थल पर पहुंच कर हाथी का उपचार करना शुरू किया.
डीएफओ गरुनाथन एन, एसडीओ आशीष खेलवार, रायपुर से आए चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा, डॉ. प्रयाग, डॉ. अरुण समेत तैमूर पिंगुला से पहुंचे पशु चिकित्सक समेत पूरी टीम हाथी पर नजर रखे हुए थे. बीमार हाथी को क्रेन के माध्यम से खड़ा करने का प्रयास किया गया, पर सफलता नहीं मिल सकी और आखिकार उसने दम तोड़ दिया.
इससे वन विभाग की चिंता बढ़ गई थी. आशंका व्यक्त की जा रही थी कि हाथी का पैर फ्रैक्चर हो गया है. इसकी भी जांच करने कहा गया था. बारिश होने से अमले को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. आग जलाकर हाथी को गर्मी भी दी गई पर सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया था . बावजूद टीम हाथी की सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही थी और उसे स्वस्थ करने हर संभव प्रयास किया जा रहा था,लेकिन हाथी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। बुधवार को हाथी की मौत हो गई .
वन मंडल कोरबा के डीएफओ गुरुनाथन एन ने बताया कि बीमार व्यस्क हाथी जिसकी उम्र लगभग 8 वर्ष थी, गंभीरावस्था में मिला था, जिसका उपचार वाइल्डलाइफ डॉक्टर राकेश वर्मा (स.व.स) तथा वन्यप्राणी विशेषज्ञों द्वारा लगातार किया जा रहा था . बीमार हाथी के शरीर में सीवर वर्म इन्फेक्शन, डिहाइड्रेशन एवं खून की कमी थी . 25दिन तक उपचार किया गया, लेकिन बुधवार की शाम सिस्टमेटिक ऑर्गन फेलियर के कारण हाथी की मौत हो गई है .