जगदलपुर :- छ्त्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर में शारदीय नवरात्र में 6 हजार और दंतेवाड़ा के मंदिर में करीब 10 हजार ज्योति कलश जलाए जाएंगे।
इनमें घी और तेल दोनों के शामिल हैं। वहीं इस साल शारदीय नवरात्र और बस्तर दशहरा पर्व को लेकर पिछले साल की तुलना में ज्यादा भीड़ होने की संभावना जताई जा रही है।
इसके लिए प्रशासन पहले से ही तैयारियों में जुट गया है। लगभग 75 दिनों तक चलने वाले ऐतिहासिक बस्तर दशहरा की रस्में भी शुरू हो चुकी है।
जगदलपुर के मां दंतेश्वरी मंदिर के प्रमुख पुजारी कृष्ण कुमार पाढ़ी ने बताया कि, 2 साल कोरोना की वजह से मंदिर में बिल्कुल भीड़ नहीं थी। लेकिन, पिछले साल नवरात्र और बस्तर दशहरा में मावली परघाव रस्म में ऐतिहासिक भीड़ देखने को मिली थी।
इस साल भी ऐसी ही या इससे ज्यादा भीड़ जुटने की संभावना जताई जा रही है। आराध्य देवी मां के मंदिर में शारदीय नवरात्र को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि, मंदिर में कुल 6 हजार ज्योति कलश जलाए जाएंगे। यह संख्या बढ़ भी सकती है।
जगदलपुर में घी के ज्योति कलश की रसीद 1651 और तेल की रसीद 701 रुपए में काटी जा रही है। जबकि, दंतेवाड़ा में घी के लिए 2100 और तेल के लिए 1100 रुपए की रसीद कटवानी पड़ेगी।
इधर, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर समिति की माने तो इस साल जिले में पदयात्रियों की सुविधा के लिए करीब 13 सेवा केंद्र खोले जाएंगे। यह संख्या पहले 15 थी।
कुछ सेवा केंद्र को बंद कर दिए गए हैं। इन सेवा केंद्रों में पद यात्रियों के लिए ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन किए जाएंगे। भक्त ऑनलाइन माध्यम से भी रसीद कटवा सकते हैं।
दंतेवाड़ा में VIP दर्शन की होगी सुविधा
मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि, इस साल पदयात्रियों की संख्या अधिक हो सकती है। वहीं माता के दर्शन के लिए VIP पास की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए 2100 रुपए की रसीद कटवानी पड़ेगी। VIP दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह के पास से दर्शन करवाया जाएगा। जबकि, अन्य श्रद्धालु गर्भगृह के सामने स्थित गणेश प्रतिमा के पास से ही दर्शन कर पाएंगे।
कल होगी डेरी गड़ाई की रस्म
75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा की दूसरी प्रमुख रस्म ‘डेरी गड़ाई’ 8 सितंबर को सिरहासार भवन में होगी। इस रस्म के साथ ही नए रथ का निर्माण भी शुरू हो जाएगा।
सिरहसार के सामने तैयारियां चल रही हैं। इसके अवाला सितंबर माह में बस्तर दहशरा की डेरी गड़ाई की रस्म के साथ कुल 4 सबसे महत्वपूर्ण रस्म अदा की जाएगी। इनमें 25 सितंबर को काछन जात्रा विधान, 26 सितंबर को कलश स्थापना और जोगी बिठाई विधान होगा। साथ ही 27 सितंबर को नवरात्र पूजा विधान संपन्न होगा।