बिलासपुर: एक तरफ पेंशन के लिए भटकते रिटायर्ड कर्मचारी पेंशन शाखा के भवन के फाइलों से भरे कमरे वही दूसरी तरफ विभाग प्रमुख का यह दावा की केवल 280 प्रकरण लंबित हैI क्या उनका ये दावा हजम करने लायक है।
कंपोजिट बिल्डिंग को कोषलेखा एवं पेंशन विभाग शासकीय सेवकों के अवकाश ग्रहण करने के बाद उनके पेंशन का निर्धारण करता है। कार्यालय का पूरा एक कक्ष फाइलों से भरा है, रिटायर्ड कर्मचारी अपनी आजीविका चलाने साल साल डेढ़ साल से कार्यालयों के चक्कर काट प्रशासनिक व्यवस्था को कोस
आर्थिक संकट झेल रहे। खाने पीने बच्चों के स्कूल फीस इलाज के लिए पैसो की तंगी झेल रहे। हलाकान एक सिपाही कह रहे कि पैसो की मांग के लिये घुमा रहे ट्रेप कराऊंगा एक पैसा नही दूंगा पर वे कैमरे के सामने आने तैयार नही है। वही विभाग के अफसर का दावा है उनके कार्यालय में।
इस समय लगभग 280 ऐसे लंबित प्रकरण है जिनमें दस्तावेजों की कमी है जिसे बिलासपुर संभाग के संबंधित विभागों में शिकायतों को दूर करने के लिए भेजा जा रहा है।
इस लेटलतीफी के लिए सेवानिवृत्ति कर्मचारी खुद जिम्मेदार है। यदि कर्मचारी चिंता करके अपनी सेवा पुस्तिका में दर्ज शिकायतों की सुनवाई करा लेते हैं। तो 1 महीने के भीतर प्रकरण का निराकरण हो जाता है सेवा पुस्तिका ओके होने के बाद उसे टेजरी भेज दिया जाता है। जहां से पेंशन का हर महीने भुगतान प्रारंभ हो जाता है।