स्थानीय बोली को सहेजने स्कूलों में पढ़ाई जा रही ‘भतरी’,
जगदलपुर / स्थानीय बोली भतरी को सहेजने स्कूलों में पढ़ाई जा रही।बस्तर के बालीकोंटा के प्राथमिक शाला के बच्चे हफ्ते में एक दिन स्थानीय बोली भतरी में पढ़ाई कर रहे हैं। बालीकोंटा स्कूल की अध्यापिका आशा कुरैशी ने बताया कि प्राइमरी स्कूल के इन बच्चों को हफ्ते में एक दिन स्थानीय बोली के माध्यम से कविता, गीत, कहानियाँ सिखाया जाता है। साथ ही आम बोल-चाल की भाषा में भी बस्तर की संस्कृति से जोड़े रखने का प्रयास किया जा रहा है। स्कूली बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर सहज हैं और शिक्षा का आनंद भी ले रहे हैं। बच्चों में स्थानीय बोली को लेकर रूचि भी दिखाई दे रही है।
दरअसल प्रदेश सरकार ने हाल में स्थानीय बोली और भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन के लिए स्कूलों में स्थानीय बोलियों में एक दिन की पढ़ाई को अनिवार्य किया है। बीते 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी घोषणा की थी। स्थानीय बोली में शिक्षा की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो छात्रों का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास में सहयोग करे और इसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नवाचार को अपना रही है। जिसके तहत राज्य में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों में सप्ताह में एक दिन स्थानीय भाषा-बोली के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए शैक्षणिक सामग्री भी तैयार की जा रही है,जो जल्द ही स्कूलों में उपलब्ध होगी।