कानपूर। दुर्दात विकास दुबे ने चौबेपुर क्षेत्र स्थित गांव में जरा सा भी विरोध करने वालों पर कहर बरपाया। शुक्रवार को उसका अंत होते ही गांव के कुछ परिवारों के सीने में 28 साल से जल रही आग बुझ गई। वह विकास के जिंदा रहने तक उसकी गली से गुजरने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
बिकरू में विकास दुबे के मकान के ठीक सामने से होकर बायीं तरफ गली के अगले छोर पर निजामुद्दीन का मकान है। उसने बताया कि 1992 में मामूली कहासुनी को लेकर विकास से विवाद में दबंग ने साथियों के साथ मिलकर उसके साथ, मुल्ला खां, सलीम, बाबू, नीमा समेत आठ परिवार के दो दर्जन से अधिक लोगों को पीटकर मरणासन्न करने के साथ घर जला दिए थे।
इसके बाद से गांव में उसकी दहशत और बढ़ी थी। वह सभी परिवार 28 साल में वह जख्म कभी भूले नहीं। जागरण ने पीड़ितों का दर्द जाना तो फफक पड़े। बताया कि विकास की दबंगई के सामने पुलिस भी सिर नहीं उठा पाती थी। कई बार दबिश दी पर घर के भीतर तक दाखिल नहीं हो पाई।