रायपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो में पदस्थ रहने के बाद अब सिविल लाइन थाना रायपुर में पदस्थापना के दौरान एएसआई विनोद वर्मा ने एक पटवारी को एसीबी का प्रभाव दिखाते हुए लाखों रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस काम में उसके साथ एक आरक्षक भी शामिल था। उस एएसआई वर्मा को पुलिस ने 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा है। इसके साथ ही एएसआई को निलंबित भी कर दिया गया है।
दरअसल मामला बलौदाबाजार के कोतवाली थाना क्षेत्र का है। आरोपी एएसआई का नाम विनोद वर्मा है और पूर्व में एसीबी में तैनात रह चुका है। वर्तमान में विनोद वर्मा रायपुर के सिविल लाईन में पदस्थ है। एएसआई विनोद वर्मा ने एसीबी के आरक्षक गजानंद वर्मा और वकील अनिल वर्मा के साथ मिलकर रिसदा पटवारी से 5 लाख रूपये की मांग की थी। आरोपियों ने पटवारी को ये कहकर डराया था कि उसके खिलाफ एसीबी में शिकायत आई है और कभी भी उसके ठिकाने पर छापा पड़ सकता है।
घूसखोरों ने छापा न पड़ने देने की एवज में पांच लाख रूपए की डिमांड की थी, जिसकी शिकायत पटवारी ने सिटी कोतवाली थाने में की थी। सभी आरोपी आज इसकी पहली किस्त लेने के लिये बलौदाबाजार गये हुये थे। इस दौरान तीनों को सिटी कोतवाली बलौदाबाजार पुलिस ने रंगे हाथों धर दबोचा है। जानकारी मिली हैं कि रिश्वत लेने की शिकायत मिलने के बाद एएसआई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।