रायपुर। देश हो या फिर राज्य, बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है। गरीब परिवार, जो दिहाड़ी की मजदूरी के बूते अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, आज उनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया हैं। देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना भी जरुरी है, जिसकी वजह से लाॅकडाउन करना भी आवश्यक है। इस लाॅक डाउन की वजह से दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी भी बंद हो गई है। ऐसे में कई स्वयंसेवी संगठन अपने स्तर पर उनकी क्षूधा को शांत करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। गरीब मजदूरों और उनके परिवार की चिंता में संवेदनशील संस्थान आशा की किरण, स्वयंसेवी संस्थान आशाएं, छग सिख फोरम, दशमेश सेवा सोसायटी और छग सिख संगठन ने इन गरीबों को मुसीबत के समय सहयोग करने का बीड़ा उठाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इन सभी संस्थाओं ने रायपुर में चिन्हित 10 हजार परिवारों तक राशन पहुंचाने का जिम्मा उठाया है, जिसमें कलेक्टर और पुलिस का भी सहयोग शामिल होगा। इसके साथ ही रायपुर के सभी गुरुद्वारों में मुफ्त लंगर की भी व्यवस्था कलेक्टर की माॅनिटरिंग में होगी।
इस मुश्किल घड़ी में संवेदनशील संस्थाएं ग्रेंड न्यूज के चेयरमेन गुरुचरण सिंह होरा, संस्थान आशा की किरण से दुल्हन साड़ी सेंटर के संचालक किशोर खेत्रपाल और निर्मल खेत्रपाल, स्वयंसेवी संस्था आशाएं के संचालकद्वय यश टूटेजा और तरणजीत सिंह होरा का यह प्रयास है कि वे ज्यादा से ज्यादा गरीब लोगों तक राशन का पैकेट पहुंचा सकें। इन तीनों ही संस्थानों के संचालकों ने वर्तमान में 10 हजार परिवारों को राहत देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं छग सिख फोरम के जगजीत सिंह अरोरा बलदेव सिंह भाटिया और जसबीर सिंह गुम्बर, दशमेश सेवा सोसायटी के प्रीतपाल सिंह होरा और परमिंदर सिंह भाटिया व छग सिख संगठन के हरपाल सिंह बाम्बरा और हरमीत सिंह होरा, जगजीत सिंह खनूजा (अध्यक्ष, श्याम नगर गुरुद्वारा ), प्रीतपाल सिंह चण्डूजा, होटल सेमरॉक के संचालक मनदीप सिंह चावला, दिलेर सिंह होरा (अध्यक्ष, देवेंद्र नगर गुरुद्वारा) व जी एस भामरा (अध्यक्ष, छग ऑफिसर्स सिख वेलफेयर) रायपुर के सभी गुरुद्वारों में निःशुक्ल लंगर के लिए प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश का यह सबसे बड़ा राहत का पैकेज है, जिसका वितरण शुरू हो चुका है।
चर्चा में यह बात सामने आई है कि ये सभी संस्थान संयुक्त प्रयास के माध्यम से राजधानी रायपुर परिक्षेत्र में निवासरत ऐसे लोगों की मदद करेंगे, जो लाॅकडाउन की वजह से अपना काम खो चुके हैं, वे और उनका पूरा परिवार भूखा है, जिनके पास सरकार द्वारा जारी राशनकार्ड भी नहीं है। ऐसे लोगों की भूख की चिंता भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है। मानव सेवा के इस बडे़ काम में विधायक कुलदीप जुनेजा, पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह छाबड़ा सभी गुरुद्वारों में जहां निःशुल्क लंगर की व्यवस्था की महती जिम्मेदारी में योगदान देंगे, वहीं चेंबर आॅफ कामर्स महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती मीनाक्षी टूटेजा (संचालक, मीनाक्षी ब्यूटी पार्लर), हैप्पी सिब्बल और डाॅ. फरिश्ता का भी सहयोग प्राप्त होगा।
एक पैकेट में होंगी ये वस्तुएं
मास्क 2 पीसी
चावल 10 कि.ग्रा
दाल 2 किग्रा
तेल 400-500 मिली
आलू 2 कि.ग्रा
प्याज 1 कि.ग्रा
नमक 100 ग्राम
मिर्च पाउडर 50 ग्राम
हल्दी पाउडर 50 ग्राम
चाय 100-200 ग्राम
चीनी 1 किलो
स्नान साबुन 2 पीसी
हाथ धोने वाला साबुन 2 पीसी
पारले जी बिस्किट 2 पैकेट
आम दिनों में थोक दुकान से खरीदी पर इन सामानों की कुल कीमत का आकलन किया जाए, तो लगभग 600 रुपए प्रति किट का खर्च है, जिसका खर्च ग्रेंड न्यूज, स्वयं सेवी संस्थान आशा की किरण, स्वयं सेवी संस्थान आशाएं, मीनाक्षी ब्यूटी पार्लर उठा रही हैं। इस तरह की दस हजार किट जरुरतमंद लोगों तक पहुंचाए जाने का कठिन लक्ष्य इन संस्थाओं के प्रमुखों ने उठाया है।