छत्तीसगढ़ के बीजापुर( bijapur) क्षेत्र में नक्सली हमले में शहीद हुए नूर हसन को हरियाणा के यमुनानगर के गांव कल्याणपुर में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
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नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गश्त के दौरान नक्सलियों( naxali) की गोलीबारी में 18 सितंबर को नूर हसन शहीद हो गए थे। दिल्ली होते हुए उनका शव मंगलवार( tuesday) को गांव कल्याणपुर पहुंचा। इससे पहले सरांवा पहुंचने पर सैकड़ों बाइक सवार युवकों ने हाथों में तिरंगा लिए और भारत माता की जय व शहीद नूर हसन अमर रहे के नारों के साथ शहीद के पार्थिव शरीर की अगुवानी की।
शहीद के अंतिम दर्शन करने के बाद मौलाना मोहम्मद नसीम ने गुसल की रस्म अदा करवाई
शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही उनकी मां शरीफन, पत्नी बलकीशा, बेटी मनीषा, बहनें सवाली, रोशनी, गलतान और बेटे मोइन की चित्कार से माहौल और अधिक गमगीन हो गया। ग्रामीणों द्वारा शहीद के अंतिम दर्शन करने के बाद मौलाना मोहम्मद नसीम ने गुसल की रस्म अदा करवाई।
बेटे ने जताई सेना में जाने की इच्छा
शहीद के बेटे मोइन खान ने भी पिता की तरह सशस्त्र बलों में भर्ती होने की इच्छा जताई है। फिलहाल 12वीं में पढ़ रहे मोइन खान पढ़ाई के साथ-साथ रोजाना शारीरिक अभ्यास करके भर्ती की तैयारी कर रहा है। पिता की शहादत से उसके हौसले टूटने की बजाय और अधिक मजबूत हो गए हैं।