भाजपाई नेता देश की जनता को यह समझा रहे है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व गुरू बनने की तरफ तेजी से बढ रहा है, लेकिन भाजपा नेता क्या देश की जनता को यह बतायेगें कि भारत के आपत्ति के बाद भी अमेरिका भारत के नंबर वन दुश्मन पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए विशेष सस्टेनमेंन्ट प्रोगा्रम को रोक पाने में क्यों असफल रहा है। ऐसे मेें सवाल तो उठता है कि जब अमेरिका मोदी सरकार की कड़ी आपत्ति के बाद भी गंभीरता से नही ले रहा है तो फिर भारत विश्व गुरू कैसे बन सकेगा? क्या देश की जनता को अच्छे दिन की तरह गुमराह करने के लिए विश्व गुरू बनने का सपना बेचा जा रहा है, जबकि जमीन हालत कुछ और ही बयां कर रहे है।
विश्व गुरू बनने का मुद्दा भी एक जूमला से ज्यादा कुछ नही है
ये बिन्दुएं बताती है कि ये भी किस प्रकार एक जुमला ही है।
पाकिस्तान के साथ एफ-16 समझौते पर अमेरिका का कहना है कि भारत को इस डील के संबंध में पहले और इसके दौरान सारी जानकारी दी गई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका अधिकारी डोनाल्ड लू के भारत दौरे के दौरान आपत्ति भी दर्ज कराई थी।
- सवाल यह है कि विश्व गुरू बनने जा रहे भारत के कड़ी आपत्तियोंं को अमेरिका ने गंभीरता से क्यों नही लिया? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भारत को विश्व गुरू बनाने का सपना मोदी सरकार ठीक अच्छे दिनो की तरह ही बेच रही है, क्योकि यह सवाल पूछने का साहस किसी में नही है कि जब भारत विश्व गुरू बनने जा रहा है तो फिर अमेरिका भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान की सैन्य सहायता आपत्ति के बाद कैसे कर रहा है।
- मोदी सरकार आपत्ति के बाद पाकिस्तान को सैन्य सहायता मिलने पर अभी तक कोई बड़ा कदम अमेरिका के खिलाफ नही उठाया है। ऐसे हालात में मोदी सरकार भारत को विश्व गुरू कैसे बनायेगी?
- यह जरूर है कि वोट के लिए अच्छे दिनों की तरह विश्व गुरू बनाने का सपना भी बेचने में अभी तक कामयाब रही है।