रायपुर। अनलाॅक की घोषणा के साथ छग में कोरोना ने जिस तेजी से पांव पसारा है, उसकी परिणिति है कि अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं राजधानी जो कोरोना मुक्त हो चुकी थी, आज सबसे ज्यादा एक्टिव मरीजों की संख्या के साथ प्रदेश में टाॅप पर पहुंच गया है। प्रतिदिन 80 से 100 की औसत से मरीजों के मिलने का क्रम छग में थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या तो 67 पर आकर थम गई थी, अब 4 हजार को पार करने के बाद भी नहीं रूक पा रहा है।
यह एक ऐसी सच्चाई है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। प्रदेश की राजधानी में इस वक्त कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 375 पर है, जबकि 3 लोगों की मौत हो चुकी है और कुल 737 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। दूसरी तरफ दुर्ग है, जहां मरने वालों की संख्या अब 4 हो चुकी है, तो यहां पर कोरोना की चपेट में 204 लोग आ चुके हैं।
प्रदेश की राजधानी रायपुर से लेकर बस्तर की बात करें या फिर सरगुजा क्षेत्र की, हर जगह प्रतिदिन बड़ी संख्या में नए मरीजों का मिलना प्रदेश की सेहत के लिहाज से सही नहीं है। पूर्व में यह माना जा रहा था कि प्रवासी मजदूरों की वजह से संख्या बढ़ रही है, जिसे नियत्रित किया जा सकता है, लेकिन अब दायरा बढ़ चुका है। कोरोना केवल प्रवासी लोगों तक सीमित ना होकर आम शहरियों और ग्रामीणों के शरीर में दाखिल हो चुका है, जो इस बात का प्रमाण है कि संक्रमण अब सीमित दायरे तक नहीं रहा, बल्कि उसका विस्तार हो चुका है।
माॅस्क का नहीं हो रहा उपयोग
कोरोना महामारी से खुद के साथ औरों को सुरक्षित रखने का एकमात्र उपाय माॅस्क है और दूसरा ज्यादा से ज्यादा खुद को आईसोलेशन में रखना, लेकिन प्रदेश में सामाजिक मेल-मिलाप फिर से नजर आने लगा है और सोशल डिस्टेंशिंग को तोड़ने के साथ ही लोग माॅस्क से भी दूरियां बनाने लगे हैं, जिसका दुष्प्रभाव स्वाभाविक तौर पर दिख रहा है। यही वजह है कि प्रदेश में कोरोना का लगातार विस्तार हो रहा है और जद में आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।