रायपुर। रायपुर से छह शहरों के लिए संचालित होने वाली फ्लाइट सात सप्ताह बीतने के बाद भी पारिवारिक या इमरजेंसी में सफर करने वालों के भरोसे उड़ान भर रही है। 25 मई के बाद तीसरे सप्ताह तक तो यात्रियों की संख्या 9000 से ऊपर हो गई थी, लेकिन इसके बाद कुल यात्री कम होकर 77 से 7900 के बीच सिमट कर रह गए हैं। वर्तमान में हर सप्ताह सौ से ज्यादा उड़ानें इन शहरों के लिए संचालित की जा रही हैं। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से जब फ्लाइट का संचालन शुरू हुआ, उस वक्त यात्रा करने वालों को कोरना से बचाव के लिए मास्क और जांच के साथ यात्रा पूरी होने के बाद 14 दिन क्वारेंटाइन में रहने का नियम बनाया गया था। यह नियम अब भी लागू है, इसलिए यात्री बेहद जरूरी होने पर ही अपना सफर पूरा करने फ्लाइट का उपयोग कर रहे हैं। शुरुआत से ही दूसरे शहरों से यहां आने वाले यात्री जाने वालों की तुलना में अधिक रहे हैं।
शुरुआत के तीन सप्ताह तक दो माह के लॉकडाउन में फंसे लोग :शेष पेज 15 पर बड़ी संख्या में लौटे। इस दौरान सप्ताहभर में संचालित हुई सौ उड़ानों में 5894 से लेकर 9045 यात्रियों ने आवाजाही की, जिसकी वजह से यात्रियों की संख्या में 10 फीसदी तक वृद्धि हुई। माना जा रहा था कि फ्लाइट बढ़ने के बाद यात्रियों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि होगी, लेकिन चौथे सप्ताह यानी जून के दूसरे पखवाड़े के बाद यात्रियों की संख्या में 14 प्रतिशत की गिरावट आ गई, जो अब तक जारी है। एयरपोर्ट प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले तीन सप्ताह से 7775 से 7868 के बीच ही कुल यात्रियों की संख्या सिमटकर रह गई है। वर्तमान में रायपुर एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, झारसुगुड़ा, हैदराबाद, बेंगलुरु के लिए फ्लाइट का संचालन किया जा रहा है।
बारिश के मौसम का असर ट्रैवहल्स कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में बारिश का मौसम चल रहा है। इस दौरान यात्रा करने वालों की संख्या सामान्य से कम हो जाती है। इसके साथ ही सीमित शहरों के लिए फ्लाइट होने की वजह से भी यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ पा रही। वर्तमान में एयरपोर्ट से रोजाना आठ से नौ फ्लाइट का संचालन होता है। 25 मई के बाद उड़ान सप्ताह कुल आने वाले जाने वाले कुल % प्रथम 66 3838 2056 00 दूसरा 90 4921 3324 40% तीसरा 100 5299 3746 10% चौथा 100 4456 3325 -14% पांचवा 118 4535 3277 0.48% छठवां 102 4468 3397 0.68% सातवां 104 4527 3341 0%
वर्तमान में एयरपोर्ट से बहुत कम उड़ानों का संचालन किया जा रहा है, जिसकी वजह से यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ पा रही। बारिश का मौसम भी विमान यात्रियों के लिए ऑफ सीजन होता है।