रायपुर। दूसरे राज्यों से सब्जी की आवक कम हो जाने से राजधानी में सब्जी अचानक महंगी होने लगी है। इस मौसम में जो सब्जियां 20 से 30 रुपए किलो तक मिलती रही हैं, सिर्फ चार दिन में उनकी कीमत दोगुनी हुई है। सोमवार को शास्त्री बाजार में देशी टमाटर क्वालिटी के हिसाब से 55 से 60 रुपए किलो तक बिका। टमाटर का रेट 4 दिन में दोगुना हुआ है। बैंगन तक 30 रुपए किलो पर पहुंच गया है। प्रदेश में गांवों से शहरों तक मुनगे के पेड़ बहुतायत हैं, लेकिन वही 15 से 20 रुपए पाव बिक रहा है।
यह है वजह –
कारोबारियों के मुताबिक महंगे डीजल और कोरोना में आवक कम होने से यह स्थिति पैदा हुई है, लेकिन उम्मीद जताई कि 10-15 दिन में रेट कम होने लगेंगे। प्रदेश की सबसे बड़ी थोक मंडी शास्त्री बाजार और डूमरतराई में भी भास्कर ने सब्जी के थोक भाव ज्यादा पाए हैं। अभी राजधानी और राज्य में खपत की लगभग 80 फीसदी सप्लाई महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक आदि राज्यों से हो रही है। आलू और परवल बंगाल से, प्याज नासिक से, लहसुन इंदौर व कोटा से, टमाटर बेंगलुरू से, गोभी और बंदगोभी छिंदवाड़ा से आ रही हैं। कारोबारियों के मुताबिक ये अपने राज्यों में ही महंगी हैं। इसलिए यहां थोक में ङी इनकी कीमत बढ़ी हुई है।
कारोबारियों के मुताबिक ट्रकवाले बता रहे हैं कि महंगे डीजल के कारण ट्रांसपोर्टरों ने भाड़ा बढ़ाया है। इसका असर आयातित सब्जी के रेट पर पड़ रहा है। उसके बाद यहां के थोक व्यापारी पूरी लागत और मुनाफा निकालकर ही रेट खोल रहे हैं। जिस रेट पर अन्य राज्यों से सब्जी यहां आ रही है, चिल्हर कारोबारी तक पहुंचते-पहुंचते उसका रेट दोगुना हो रहा है।
लोकल खेतों में भी कम
प्रदेश में सब्जियों के लिए पहचाने जाने वाले दुर्ग, धमधा, साजा, रायपुर और आसपास जिले को किसानों ने कोरोना की वजह से इस साल ज्यादा सब्जियां नहीं लगाई हैं। टमाटर इत्यादि भी बारिश में ज्यादा सफल नहीं है। इसलिए राज्य के व्यापारी सप्लाई के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं। जिन राज्यों से सब्जियां आती हैं वहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा है। वहां कारोबार इसलिए प्रभावित है। किसानों का कहना है कि मई-जून में लगाई गई सब्जियां सितंबर-अक्टूबर तक आएंगी। तब सप्लाई बढ़ेगी।
डूमरतराई थोक सब्जी मंडी अध्यक्ष -टी. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया –
“अभी बाजार में उपलब्ध ज्यादातर सब्जी आयातित है। अपने मूल राज्यों में भी इनका रेट ज्यादा है, इसलिए यहां और बढ़ गया है। 10 दिन में सब्जी का रेट फिर कम होने लगेगा, ऐसी उम्मीद है।