गरियाबंद / कलेक्टर ने श्री प्रभात मलिक ने कहा कि विभागों को आम जनता से प्राप्त समस्या संबंधी आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देवे अधिकारी। कलेक्टर मलिक ने आज अधिकारियों की समय-सीमा बैठक में जनचौपाल, जन शिकायत, सीपीग्राम और विधायक/सांसद से प्राप्त पत्रों के निराकरण की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने दिसम्बर 2021 तक के जनचौपाल से संबंधित सभी लंबित प्रकरण आगामी समय-सीमा बैठक के पूर्व निराकृत कर लेने अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर ने विगत दिवस कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में दिये गये निर्देशों को अधिकारियों को विस्तारपूर्वक अवगत कराया। साथ ही विभागीय कार्यो में प्रगति लाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने बताया कि आगामी 10 नवम्बर 2022 से प्रदेश के साथ जिले में रामायण मंडली का कार्यक्रम प्रारंभ होना संभावित है। जिले में जनपदवार ग्रामों की रामायण मंडली का पंजीयन सुनिश्चित कर लिया जाए। उन्होंने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को जनपदों से पंजीकृत मानस मंडली को शासन के चिन्हारी पोर्टल में एन्ट्री कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने जलशक्ति नियोजन के कार्य व नरवा कार्यक्रम के तहत सिचाईं रकबा में बढ़ोतरी को संबंधित पोर्टल में एन्ट्री करने तथा आपदा प्रबंधन एवं फसल क्षतिपूर्ति के स्वीकृत प्रकरणों पर राशि भुगतान करने अधिकारियों को निर्देशित किया। भूमिहीन न्याय योजना के तहत बैगा, गुनिया व मांझी हितग्राहियों का जनपदवार पंजीयन किया जाए। राजस्व न्यायालयों का तिथि निर्धारित कर निर्धारित तिथि के दिन अधिकारी न्यायालयीन प्रकरण निपटाना सुनिश्चित करें। उन्होंने जिले के 24 मसाहती/असर्वेशित गांव की पोर्टल में एन्ट्री कर नक्शा प्रकाशन के भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि जिले के बंदोबस्त त्रुटि सुधार कार्य हेतु प्रभावित ग्रामों की सूची शासन को उपलब्ध कराई जाए। वन भूमि पट्टे की जांच संबंधित जनपद सीईओ और उप संचालक कृषि की जिम्मेदारी है। अधिकारी वन भूमि पट्टे पंजीयन पर विशेष ध्यान देवें। कलेक्टर ने जिले के गौठानों में गौमूत्र खरीदी और गौमूत्र से निर्मित कीटनाशक ब्रम्हास्त्र की बिक्री पर जोर देते हुए जिले में विभागीय अधिकारियों को बीज निगम से कीटनाशक की खरीदी न कर गौठानों से उत्पादित कीटनाशक ब्रम्हास्त्र आवश्यकता के मुताबिक खरीदने के निर्देश दिये। उन्होंने पूर्व में दिये निर्देश का स्मरण दिलाते हुए कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन और वन विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक विकासखण्ड में 5 आदर्श गौठान विकसित कर सूची उपलब्ध कराने कहा है। इसी प्रकार ईई एरिगेशन को सिंचाई सुविधा की बढ़ोतरी हेतु नहरों की मरम्मत तथा ईई पीडब्ल्यूडी और ईई पीएमजीएसवाय को सड़क मरम्मत हेतु सूची उपलब्ध कराने निर्देशित किया। कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी जनपदों से देवगुड़ी उन्नयन का प्रस्ताव सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के माध्यम से शासन को भेजी जाए। उन्होंने जिले के शत प्रतिशत स्कूली बच्चों का जाति प्रमाण पत्र, अभियान चालकर बनाने के भी निर्देश दिये। विभागों में पिछड़ा वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों का क्वांटीफाईबल डाटा एन्ट्री कराने तथा ग्राम पंचायत हेतु नियुक्त नोडल अधिकारियों को संबंधित पंचायतों का भ्रमण कर मूलभूत समस्या संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रोक्तिमा यादव, वन मण्डलाधिकारी ल मयंक अग्रवाल, अपर कलेक्टर अविनाश भोई, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन, एडीएम ल हितेश पिस्दा, सुश्री पूजा बंसल एवं सुश्री अर्पिता पाठक तथा डिप्टी कलेक्टर टी.आर. देवांगन व सुश्री चांदनी कंवर सहित जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।