सक्ती। नगर पालिका की लापरवाही के चलते सक्ती शहर के सार्वजनिक शौचालय की हालत बदतर हो चुकी है जहां गंदगी व बदबू के चलते कोई जाना नहीं चाहता, वही अब जबकि सक्ती जिला मुख्यालय बन चुका है यहां महिलाओं व पुरूषों के लिए पृथक-पृथक सार्वजनिक शौचालयों की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है।
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जिले भर के नागरिक अपने कामकाज को लेकर जब जिला मुख्यालय पहुंच रहे है तो उन्हे इसके अभाव में बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है वही सार्वजनिक शौचालय नहीं होने के कारण बाजार में आने वाले लोगों और दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर में सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को मजबूरी में गली के कोनों को सहारा लेना पड़ता है।
भारत अभियान के तहत शहर को साफ-स्वच्छ और सुंदर बनाने के सिर्फ दावे
उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर को साफ-स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगर पालिका द्वारा नए-नए प्लान बनाकर गंदगी को दूर करने के केवल दावे किये जा रहे है हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीे है। सकती शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पालिका के किसी भी अधिकारी ने अब तक ध्यान नहीं दिया है।
आसपास एकांत या फिर खाली जगह को ही शौचालय बना देते
सक्ती शहर के प्रमुख स्थल अग्रसेन चौक सहित प्रमुख जगहों में सार्वजनिक शौचालय अब सक्ती जिले की प्रमुख आवश्यकता बन चुकी है, ताकि जिला मुख्यालय पहुंचे नागरिक किसी भी चौराहे पर फ्रेश हो सकें, लेकिन नपा की अनदेखी के कारण शहरवासियों को इस सुविधा के अभाव में परेशान होना पड़ रहा है। सक्ती शहर के प्रमुख चौराहो तथा में सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाए जाने के कारण खरीददारी के लिए आने वाले लोग आसपास एकांत या फिर खाली जगह को ही शौचालय बना देते हैं, जिसके कारण रोड किनारे में गंदगी फैलने से बदबू आती है। वहीं शहर के बाजार में सबसे ज्यादा आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग खरीददारी के लिए आते हैं, जो सुबह शहर में आते है और शाम तक ही अपने घर लौट पाते हैं। बाजार में शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण इन ग्रामीण लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। सार्वजनिक शौचालय नहीं होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी महिला व लड़कियों( girls)को उठानी पड़ती है।