बालोद। CG NEWS : छत्तीसगढ़ मेडिकल कौंसिल के सदस्यों द्वारा बालोद जिले के दल्ली राजहरा स्थित शहीद अस्पताल के दो डॉक्टर मुख्य चिकित्सक डॉ. शैबालकुमार जाना व डॉ. सेनगुप्ता दीपांकर का पंजीयन 3 माह के लिए निलंबित किए जाने के विरोध में आज अस्पताल की कैजुअल्टी बंद कर नगर में समस्त अधिकारी, कर्मचारी, स्टाफ के साथ श्रमिक संगठन छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा व नगर के आम नागरिकों द्वारा मौन रैली निकाल जताया गया विरोध।
डॉ. शैबाल जाना का कहना है, की मेरा और डॉ. सेनगुप्ता का पंजीयन तीन माह के लिए रद्द कर दिया गया, ईलाज में कोई गलती होता तो समझा आता, किसी की मौत दुःखद है परन्तु कोई डॉक्टर या अस्पताल नही चाहता कि उनके कोई भी पेशेंट की मौत हो जाए| उन्हें भी देखना चाहिए की हम 40 सालो से गरीब जनता और जरूरत मंद मरीजों का उपचार कर सेवा कर रहे है।
पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर का कहना की शहीद अस्पताल, खदान में काम करने वाले मेहनतकश मजदूरों के द्वारा 40 साल पहले बनाया गया था . जहां आसपास ही नही बल्कि 100-150 किलोमीटर दूर से मजदूर, गरीब, बीमार जनता आ कर अपना ईलाज कराते है, लेकिन अस्पताल को बदनाम करने के लिए पंजीयन निलंबित किया गया यह गलत है इसे वापस लेना चाहिए। आपको बताते चलें की 12 दिसंबर 2019 को उपचार के दौरान नगर के कांग्रेसी नेत्री शिरोमणि माथुर के बड़े पुत्र आलोक माथुर ने दम थोड़ दिया था, जिसे लेकर परिजन ने जांच एवं कार्रवाही की मांग करते हुए शिकायत कि थी। वही भेंट मुलाकात कार्यक्रम में दल्ली राजहरा पहुँचे मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को भी मामले से अवगत कराया गया था।
शिकायत की जांच में डॉ. शैबाल कुमार जाना के एम.बी.बी.एस. की उपाधि होने परंतु अतिरिक्त अर्हता नहीं होने एवं उक्त विधा में चिकित्सा व्यवसाय करने को दोषी पाया गया, इसी तरह डॉ. सेनगुप्ता दीपांकर के पास एम.बी.बी.एस. की उपाधि होने परंतु उनके पास अतिरिक्त अर्हता निश्चेतना का पंजीयन छत्तीसगढ़ मेडिकल कौंसिल में 16/06/2022 तक पंजीयन नहीं होने एवं उक्त विधा में चिकित्सा कार्य करने को दोषी पाया गया. जिसके तहत दोनों ही डॉक्टरों को Indian Medical Council, (Professional Conduct, Etiquete & Ethics ) Regulations 2002 के रेग्यूलेशन क्रमांक 8.1 व 8.2 धारा के उल्लंघन का दोषी मानते हुए समिति द्वारा तीन माह 11/10/2022 से 10/01/2023 तक पंजीयन को निलंबित किया गया है।