रायगढ़। प्रशासन को सूचना दिए बिना कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने वाले दो झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट 2013, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी अधिनियम 1895 तथा भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत सारंगढ एसडीएम के निर्देश पर बीएमओ ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
बताया गया कि चार जुलाई को जगदीशपुर निवासी नरसिंह बरिहा एवं सात जुलाई को मौहापाली निवासी हरिप्रसाद द्वारा ग्राम मौहापाली के एक व्यक्ति का कोरोना जैसे लक्षण पाये जाने के बाद भी इलाज किया गया। नियमानसार ऐसे मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को देनी थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया और बाद में व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम के लिए शासन ने कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखने पर निकटतम शासकीय चिकित्सालय जाने व प्रशासन को सूचित करना है। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सारंगढ़ एसडीएम चंद्रकांत वर्मा के निर्देश पर खण्डचिकित्सा अधिकारी सारंगढ़ ने दोनों झोलाछाप डॉक्टर जगदीशपुर निवासी नरसिंह बरिहा और मौहापाली निवासी हरिप्रसाद चौहान के खिलाफ डोंगरीपाली पुलिस ने जुर्म दर्ज किया है।