मुंबई। फिल्मों के साथ ही राजनीति की पिच पर बैटिंग करने वाले रवि किशन 17 जुलाई को अपना जन्मदिन मनाते हैं। भोजपुरी को मुख्यधारा के सिनेमा से जोड़ने का बड़ा क्रेडिट रवि किशन को भी जाता है। एक सफल अभिनेता के रूप में रवि किशन कई यादगार किरदार निभाए। एक छोटे से गांव से निकलकर सुपरस्टार बनने का सफर उनके लिए बहुत मुश्किल रहा। आज रवि किशन के जन्मदिन पर आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
रवि किशन के पिता चाहते थे कि वो दूध का व्यापार करें लेकिन उनका मन फिल्मों में ज्यादा लगता था। इस बात पर ही उनके पिता ने बेल्ट से पिटाई की थी और कहा था कि ये क्या तुम नचनिया बन रहे हो। जब रवि 17 साल के हुए तो उनकी मां ने उन्हें 500 रुपए दिए और वो भागकर मुंबई आ गए। यहां वो एक चॉल में रहकर फिल्मों में काम ढूंढने लगे। रवि ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर पिता जी उनकी पिटाई ना करते तो आज वो एक गुंडा या पुरुष वेश्या बन जाते।
फिल्म तेरे नाम के लिए रवि किशन ने सर्वश्रेष्ठ सह- अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था। वहीं 2005 में आई उनकी भोजपुरी फिल्म ‘कब होई गवनवा हमार’ को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। वे ऐसे अभिनेता बने जिन्हें एक साथ हिंदी और भोजपुरी की राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त फिल्मों का हिस्सा होने का गौरव मिला।
एक इंटरव्यू में रवि किशन ने बताया था कि संघर्ष के दिनों में मेरी किसी ने मदद नहीं की। उन्होंने कहा था, ‘मेरी बेटी पैदा हुई थी, उस वक्त मेरे पास अस्पताल का बिल भरने तक के पैसे नहीं थे। मैंने ब्याज पर रुपये लेकर अस्पताल का बिल भरा।
फिल्म इंडस्ट्री के बुरे अनुभव को लेकर रवि किशन ने एक किस्सा बताया था। रवि ने कहा था, ‘मैं बारिश में भीगते हुए रिकॉर्डिंग स्टूडियो पहुंचा और वहां मैंने 7-8 घंटे की रिकॉर्डिंग की। मैंने जब प्रोड्यूसर से चेक मांगा तो वो बोला कि फिल्म में काम दे दिया ये क्या कम है…चेक मत मांगना नहीं तो रोल काट दूंगा। मैं ये बात सुनकर हैरान रह गया था। मुझे जमीन छुड़ाने के लिए पैसे चाहिए थे। मैं बाइक पर बैठकर बारिश में भीगता हुआ वापस आया। आसमान को देखकर मैं खूब रोया था। उस दिन को मैं कभी नहीं भूल पाया।’