भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (nirav modi) भारत लाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। उसे वापस लाने के लिए भारतीय एजेंसियों( agencies) ने सरकारी और कानूनी स्तर पर अर्जी दायर की थी। इनमें कहा गया था कि नीरव ने भारत के बैंकिंग सिस्टम के साथ फ्रॉड किया है
नीरव ने पिटीशन में कहा था- भारत( india) में जेलों की हालत बेहद खराब है और वहां उसे जान का खतरा भी हो सकता है। इसके जवाब में भारतीय एजेंसियों ने लंदन की अदालत को विस्तार से जानकारी दी और बताया कि नीरव सिर्फ बचने का रास्ता खोज रहा है। अदालत ने इसी आधार पर उसे भारत के हवाले करने का आदेश सुनाया है।
यूरोपीयन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ECHR) के रूल 39 की मदद
सुप्रीम कोर्ट से भी नीरव मोदी को राहत नहीं मिलती है तो वह यूरोपीयन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ECHR) के रूल 39 की मदद ले सकता है। इस नियम के तहत कोर्ट कुछ अंतरिम उपाय लागू करता है। यह नियम तभी लागू होता है जब मामले में बहुत जल्दी बहुत बड़ी क्षति होने की आशंका हो।