रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोरोना संक्रमित मरीजों में इजाफा को देखते हुए लॉकडाउन की मांग को लेकर आज सीएम हाउस में विशेष बैठक हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रियों की इस महत्वपूर्ण बैठक में 21 जून के बाद से दोबारा लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया गया।
लॉकडाउन अवधि में पहले की ही तरह रहेंगी ये सेवाये
अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े दफ्तर खुले रहेंगे। स्वास्थ्य सेवा, वाटर सप्लाई, सफाई- व्यवस्था, बिजली और अग्निशमन विभाग के दफ्तर खुलेंगे। एक तिहाई कर्मचारियों को ही दफ्तरों में बुलाया जाएगा। निजी संस्थाओं और दफ्तरों को बंद रखने के बारे में कलेक्टर फैसला लेंगे।ये तमाम निर्णय जिले में कोरोना मरीजों की संख्या और संक्रमण की रफ्तार पर तय किया जाएगा।
इन्हे मिलेगी खोलने की अनुमति
लॉकडाउन के दौरान लॉकडाउन में पेट्रोल पंप खुले रहेंगे, अस्पताल व नर्सिंग होम के साथ पशु चिकित्सालय भी खुले रहेंगे। वहीं दवाई की दुकान, दूध और दूध से बने सामान की दुकान, सब्जी बाजार अपने पूर्व निर्धारित वक्त के मुताबिक ही खुलेगी। वहीं मंडी भी पूर्व की भांति संचालित होगा। मालवाहक गाड़ियां का आवागमन लॉकडाउन प्रभावित जिलों में रात के वक्त में होगा।
उद्योगों में शिफ्ट सिस्टम लागू
उद्योगों में मजदूरों के लिए शिफ्ट सिस्टम लागू करना होगा, वहीं कम क्षमता के साथ फैक्टरी का संचालन करना होगा। एक साथ सभी मजदूरों को बुलाये जाने के बजाय फैक्टरी संचालक अलटरनेट डे या दो दिन बाद मजदूरों को बुला सकते हैं। मजदूरों को एक साथ आने और एक साथ छुट्टी देकर भीड़ बढ़ाने के बजाय छुट्टी के वक्त में अंतराल रखा जाएगा।
72 घंटे पहले मिलेगी लॉकडाउन की सुचना
प्रदेश में सभी जिलों में एक साथ लॉकडाउन की बाध्यता नहीं होगी। कलेक्टर अपने जिलों की स्थिति से लॉकडाउन पर निर्णय लेंगे। कलेक्टर लॉकडाउन के 72 घंटे पहले इस बात सूचना देंगे कि किस तारीख से जिले में लॉकडाउन लगने जा रहा है।
मजदुर के संक्रमित आने पर फैक्टरी को कराना होगा इलाज
फैक्ट्री को शर्तों के साथ संचालन की इजाजत होगी। मजदूरों को संक्रमण से बचाने की पूरी जिम्मेदारी फैक्ट्री प्रबंधन की होगी। मजदूरों के लिए ट्रांसपोर्टिंग की व्यवस्था संचालक को करनी होगी। अगर इन सब ऐहितियात के बावजूद कोई मजदूर या कर्मचारी पॉजेटिव पाया जाता है तो उनकी देखभाल और इलाज की पूरी व्यवस्था संचालक को ही करनी होगी।