रायपुर। आईएएस अनिल टूटेजा ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को एक पत्र लिखकर स्वयं पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए प्रमाणिक दस्तावेज भी प्रेषित करते हुए जवाब दिया है। श्री टूटेजा ने पूर्व सीएम से आग्रह किया है कि वे जांच एजेंसियों को निर्देशित करें कि उनके विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश करने से पूर्व नवीन साक्ष्य एवं तथ्यों की विस्तृत विवेचना के बाद ही उचित निर्णय लिया जाये।
गौरतलब है कि 2015 में एसीबी ने नॉन में पदस्थ अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार का अपराधिक प्रकरण चलाने सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी थीं। इस दौरान अनिल टूटेजा यहां प्रबंध संचालक के पद पर कार्यरत थे। उनके 8 माह के कार्यकाल में अपर राइसमिलरों से अमानक चावल संग्रहण कर संगठित भ्रष्टाचार कर शासन को करोड़ों की राजस्व क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया गया, जिसे नॉन घोटाले का नाम दिया गया। श्री टूटेजा ने अपने पत्र में बताया कि नॉन के संचालन मंडल ने बिना किसी परीक्षण के नॉन अधिकारियों पर 3 जून 2016 को अभियोजन स्वीकृति का प्रस्ताव भारत सरकार को अनुशंसित कर दिया। अभियोजन स्वीकृति के बाद नॉन द्वारा विधानसभा सत्र में यह जानकारी दी गई कि उनके कार्यकाल में कहीं भी अमानक चावल संग्रहित या वितरित नहीं की गई, न ही इससे शासन को कोई क्षति हुई है। हाइकोर्ट में भी शासन द्वारा प्रस्तुत जवाब यह बताया गया कि प्रदेश की जीडीएस व्यवस्था देश में सर्वश्रेष्ठ है और इसमें किसी प्रकार के घोटाले का आरोप पूरी तरह कल्पना पर आधारित है, राज्य में ऐसा कोई घोटाला हुआ ही नहीं है।
आईएएस टूटेजा ने पूर्व सीएम डॉ सिंह को 7 विषयों पर लिखे अपने पत्र में नागरिक आपूर्ति निगम में रहते किसी प्रकार अनैतिक कार्य नहीं करने का हवाला देते हुए स्वयं पर लगे सभी आरोपों को विधि के प्रावधानों के विपरीत बताया है। उन्होंने पूर्व सीएम से आग्रह किया है कि औपचारिक प्रकरण की जाँच पूर्ण होने के बाद भी नवीन साक्ष्य आने पर उसे जाँच में शामिल करने का प्रावधान CRPC में है। अत: विधानसभा में शासन द्वारा पेश जानकारी, आरटीआई, उच्च न्यायालय, विधि विभाग और एसीबी अधिकारियों के द्वारा उनके विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश करने से पूर्व इस मामले में आये नए साक्ष्य और तथ्यों को जाँच में शामिल किया जाए।
अपना पक्ष सामने रखने की कही बात
टुटेजा ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह को लिखे अपने पत्र में कहा कि मीडिया में आप निरंतर मुझ पर नान घोटाले के प्रमुख आरोपी होने, वर्तमान सरकार द्वारा मुझे बचाने, संरक्षण देने तथा महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ करने के आरोप लगाते रहते है। यह न्यायोचित होगा कि मेरे विरूद्ध निरंतर लगाये जा रहे निराधार आरोपों पर अपना पक्ष भी सब के सामने रखू।
आरोपों का विस्तार से दिया ब्यौरा
उन्होंने पत्र में आरोपों का विस्तार से ब्यौरा दिया, और कहा कि कथित नान घोटाले की जांच के बाद रायपुर के विशेष न्यायालय के समक्ष 16 आरोपियों के विरूद्ध 6 जून 2015 को ए.सी.बी. द्वारा प्रस्तुत चालान में अन्य 16 मेरे विरूद्ध लगाए गए तीन आरोप निम्न है- इनमें मेरे नान में मात्र 8 माह के (जुन 2014 से फरवरी 2015) कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का नवीन तंत्र विकसित हुआ। जिसके तहत राज्य में लाखों क्विंटल अमानक चावल का संग्रहण एवं वितरण किया गया। चावल और नमक के अनावश्यक अतजिला परिवहन में नान को 5.18 करोड़ की क्षति हुई। लाखों क्विंटल अमानक चावल के बदले राईस मिलरों से एकत्र अवैध राशि में मुझे भी हिस्सा प्राप्त होता था।
अमानक चावल के संग्रहण के लगाए गए काल्पनिक आरोप
उन्होंने आगे कहा कि स्मरण रहे कि एसीबी द्वारा बड़ी मात्रा में अमानक चावल के संग्रहण एवं नान को 5 करोड़ की क्षति होने के संबंध में नान प्रबंधन अथवा शासन के खाद्य विभाग से पूछने की आवश्यकता नही समझी तथा चावल के मापदण्डों की कोई जानकारी न होने के बाद भी अमानक चावल के संग्रहण के काल्पनिक आरोप लगाये गए।
संग्रहित नहीं किया गया अमानक चावल
टुटेजा ने कहा कि आपकी सरकार ने अमानक चावल संग्रहण एवं 5 करोड़ की क्षति के बारे में जो उच्च न्यायालय तथा विधानसभा में जो जानकारी दी थी वह इस प्रकार है-विधानसभा के दिसम्बर 2015 के शीतकालीन सत्र में शासन द्वारा प्रश्न क्र. 511 के उत्तर में जानकारी दी गई कि कैलेण्डर वर्ष 2014 में अक्टूबर तक राज्य में कही भी अमानक चावल संग्रहित नही किया गया। पुन: विधानसभा के 2016 के सत्र में प्रश्न क्र. 892 के उत्तर दिनांक 18 मार्च 2016 को शासन द्वारा यह जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2013 एवं 2014 में नमक के अनावश्यक परिवहन में कोई क्षति नहीं हुई। उन्होंने विधानसभा में ही 18 मार्च 2016 को प्रश्न क्र. 2299 के उत्तर में शासन द्वारा यह जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में राज्य में कही भी अमानक चावल संग्रहण एवं वितरण की कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है।
परिवहन एवं वितरण में कोई क्षति नही
टुटेजा ने यह भी बताया कि पी.डी.एस. अंतर्गत वितरित किये जाने वाले चांवल की गुणवत्ता की जांच कलेक्टरों द्वारा स्वतंत्र रूप से खाद्य निरीक्षकों के माध्यम से कराई जाती है तथा उक्त प्रश्नों का उत्तर राज्य के समस्त कलेक्टरों से प्राप्त जानकारी के आधार पर दिया गया था। नान द्वारा 6 जून 2016 को सूचना के अधिकार अंतर्गत दी गई जानकारी में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में खाद्यान्नों के संग्रहण, परिवहन एवं वितरण में कोई क्षति नही हुई है। उच्च न्यायालय में नान में कथित रूप से एक दशक से जारी घोटाले में हजारों करोड़ों की क्षति होने तथा अमानक चावल संग्रहण करने में अनियमितताओं के आरोपों के आधार पर दायर जनहित याचिकाओं में नान घोटाले की जांच सी.बी.आई./एस.आई.टी. द्वारा कराये जाने की मांग पर आपकी सरकार की ओर से दिये गये जवाब दिनांक 30 अगस्त 2016 के प्रांसगिक अंश निम्नानुसार है विगत 12 वर्षों से भी अधिक अवधि से राज्य का पी.डी.एस. देश के लिये मॉडल है, टाइम टेस्टेड तथा एफिसियेन्ट है। यह उल्लेखनीय है कि उक्त 12 वर्षों से अधिक की अवधि में मेरा कार्यकाल भी शामिल है।
नान के इतिहास में कभी नहीं हुआ इतना लाभ
नान में हुए कथित घोटाले का आरोप काल्पनिक, राजनीति प्रेरित, तथा अटकलों पर आधारित है। वास्तव में ऐसा कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। नान एक शासकीय कंपनी है तथा नियमानुसार प्रति वर्ष इसके लेखों का विस्तृत ऑडिट किया जाता है तथा ऑडिट के आंकड़ो को नान प्रबंधन से अनुमोदन पश्चात् विधानसभा के पटल पर रखा जाता है। वित्तीय वर्ष 2014-15 अर्थात् 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 की अवधि (मेरा कार्यकाल जून 2014 से फरवरी 2015) की नान की बैंलेस शीट में 3.18 करोड़ का लाभ होना उल्लेखित है। नान के इतिहास में नान को किसी भी अन्य वर्ष में इतना अधिक लाभ नही हुआ।
क्लीन चिट दी जा चुकी थी
उक्त विवरण से स्वत: सिद्ध है कि आपकी सरकार द्वारा मेरे कार्यकाल में बड़ी मात्रा में अमानक चावल संग्रहण और 5 करोड़ की क्षति के ए.सी.बी. के मुख्य आरोपों को सिरे से खारिज किया जा चुका था तथा मुझे क्लीन चिट दी जा चुकी थी।
निराधार तथा काल्पनिक आरोपों के साथ ट्रायल का सामना करने में हु विवश
आपकी सरकार द्वारा विभिन्न अवसरों पर ए.सी.बी. के आरोपों को खारिज करने के आधार पर ही मेरे द्वारा आपको समय-समय पर अभ्यावेदन देकर मेरे विरूद्ध लंबित प्रकरण को समाप्त करने का अनुरोध किया गया था। जिन पर अज्ञात कारणों से कोई कार्यवाही नही की गई, उल्टे विधानसभा चुनाव की 20 नवम्बर को हुई वोटिंग उपरांत तथा मतगणना के 5 दिन पूर्व 5 दिसम्बर 2018 को मेरे विरूद्ध विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया। विडम्बना यह है कि जिन आरोपों को आपकी सरकार द्वारा निराधार तथा काल्पनिक बताया गया था, उन्हीं आरोपों के आधार पर मैं ट्रायल का सामना करने को विवश हूं।
नहीं बरामद हुई अवैध राशि
यह भी उल्लेखनीय है कि मेरे से कोई अवैध राशि बरामद नहीं हुई थी और न ही मेरे विरूद्ध अनुपातहीन संपत्ति होने का प्रकरण दर्ज किया गया था। चूंकि आपको यह भली भांति जानकारी थी कि मेरे विरूद्ध ए.सी.बी. द्वारा झूठा प्रकरण तैयार किया गया था, इसीलिये मेरे विरूद्ध किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही आरंभ करना और निलंबित करना तो दूर, मुझे कभी कारण बताओं सूचना तक जारी नहीं की गई, बल्कि मेरे कार्यकाल में भी राज्य का पी.डी.एस. सर्वश्रेष्ठ होने का प्रमाण पत्र दिया गया था।
जूनियर अधिकारी भी हो चुके पदोन्नत
टुटेजा ने आगे बताया कि आपके कार्यकाल के दौरान ही मेरी पदस्थापना जुलाई 2015 में संयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के पद पर की गई थी और दुर्भाग्य देखिये मैं अभी भी संयुक्त सचिव स्तर के पद पर ही कार्यरत हूँ। मुझसे 4 वर्ष जूनियर अधिकारी भी सचिव के पद पर पदोन्नत हो चुके है।
पूर्व में ही प्रताडऩा एवं अन्याय का हो चूका हूं शिकार
टुटेजा ने आग्रह किया कि वर्तमान सरकार पर मेरे विरूद्ध कार्यवाही न करने, संरक्षण प्रदान करने, बचाने तथा महत्वपूर्ण पद पर पदस्थापना जैसे निराधार आरोप लगाने बंद करने का कष्ट करें। पूर्व में ही मैं अत्यधिक प्रताडऩा एवं अन्याय का शिकार हो चुका हूं।