रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण जैसे-जैसे गहराते जा रहा है, वैसे-वैसे लापरवाहियां भी तेज होती जा रही है। इसका एक ताजा तरीन उदाहरण राजधानी के भाटागांव इलाके में आया है, जहां एक कोरोना संक्रमित महिला की मौत में सैकड़ों लोग शामिल हो गए। उस एक महिला के संपर्क में आए कितने लोग अब तक संक्रमित हो चुके होंगे, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा की लगातार लापरवाही सामने आ रही है। ताजा मामला भाठागांव निवासी एक कोरोना मरीज की है, जिसकी अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें मेकाहारा ले जाया गया था। दरसल पिछले दिनों भाटागांव में 27 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, इसमें 70 वर्षीय महिला शांति बाई है, भी शामिल है। जिसकी मौत मेकाहारा से भागकर घर आने के बाद हुई है। महिला के घर पहुंचने के बाद घर वालों ने अन्य बीमारी से संबंधित समस्या बताकर घर में ही उन्हें रख लिया, और जानकारी मिलने के बाद धीरे-धीरे लोगों की घर में भीड़ जुटने लगी।
इस दौरान आसपास के लोगों को जानकारी मिलने के बाद लगातार स्वास्थ विभाग एवं मेकाहारा प्रबंधन से लेकर संबंधित अधिकारियों को संदेश भेजा गया, जानकारी मिलने के बाद दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची जिसके बाद कोरोना संक्रमित महिला के शव को कफन दफन के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा ले जाया गया। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी ना तो एरिया को सील किया गया है ना ही मोहल्ले में ऐहतियातन किसी भी तरह से सुरक्षा का उपाय किया गया है।
आज उस महिला के दशगात्र का कार्यक्रम है, जानकारी मिली है कि आज भी उनके घर में सगे संबंधी एवं मोहल्ले वासियों की भीड़ लगी हुई है, जो कहीं न कहीं एक खतरे को आमंत्रित दे रहे हैं, गौरतलब है कि शहर के ही मंगल बाजार में भी ऐसी लापरवाही के चलते 50 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए। बावजूद इसके भाटागांव में किसी भी तरह की कोई ऐहतियात नहीं बरती जा रही है।