रायपुर।विख्यात पत्रकार, चिन्तक एवं लेखक सोपान जोशी ने आधारशिला विद्यामंदिर कोनी में बच्चों से अंतर्मन एवं व्यक्तित्व विकास पर बातचीत की। उन्होंने बहुत ही सकरात्मक तरीके से बच्चों के विभिन्न प्रकार के डर को समझा। साथ ही, उनसे निकलने की प्रक्रिया के बारे में बताया | उन्होंने उदहारण देते हुए बताया कि हमें अँधेरे से डर लगता है क्योंकि हम अँधेरे में कुछ देख नही पाते। हमारे मन में बहुत ख्याल आते हैं। पर, अगर हम अपने डर एवं उसके कारण को समझें तो धीरे-धीरे डर से निकलने लगते हैं ।उन्होंने कहा कि पढाई और जीवन दोनों में अच्छा करने के लिए कैसे से पहले क्या और क्यों को भी समझे।
कोई स्ट्रेंथ आपकी कमजोरी भी बन सकती है
एक बच्चे ने पुछा कि अच्छा पब्लिक स्पीकर कैसे बनें ? सोपान जी ने बताया कि अभ्यास करने से आप ‘पब्लिक स्पीकिंग’ में अच्छे हो सकते हैं उन्होंने कहा कि अभ्यास की शुरुआत में लोग हंस सकते हैं परन्तु अगर आप अभ्यास करते रहेंगे तो एक दिन आप निश्चित ही एक अच्छे वक्ता बन सकते हैं। साथ ही, इसी उदहारण में उन्होंने बताया कि बोलने के साथ-साथ चुप रहना भी अच्छा है। आपने कई लोगों को देखा होगा कि वे मंच पर आकर बोलते ही चले जाते हैं और लोग काफी बोर हो रहे होते हैं आप खुद बताइए यहां बोलना स्ट्रेंग्थ है कि चुप रहना स्ट्रेंथ है ?
स्पीकिंग अपनी दादी-नानी की कहानियों से सीखा
इस पूरी बातचीत के दौरान सबसे रोचक पल तब आया जब सोपान जोशी जी ने बताया कि उन्होंने लेखन एवं पब्लिक स्पीकिंग अपनी दादी-नानी की कहानियों से सीखा है | उन्होंने कहा कि कई बार हम सरल चीजों को हलके में ले लेते हैं | जबकि आप उनसे सर्वाधिक सीख सकते हैं |
इस कार्यक्रम में कुमार पाण्डेय, मुदित मिश्र एवं निहाल सोनी भी उपस्थित रहे
आधारशिला विद्या मंदिर के डायरेक्टर एस. के जनास्वामी एवं प्रिंसिपल जी. आर मधुलिका द्वारा सभी प्रबुद्ध जनों का सम्मान किया गया | विद्यालय के चेयरमैन डा अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हम समय-समय पर प्रबुद्ध जनों को विद्यालय में लाते हैं ताकि बच्चे उनसे प्रेरित हो सकें एवं उन्हें सोचने-समझने एवं बोलने के नए अवसर मिल सकें |