रायपुर। रायपुर एयरपोर्ट के रूप की अब बदलने की सम्भावना है। इसी माह से यह निजी हाथों में जा सकता है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा प्रबंधित छह और हवाई अड्डों को निजी हाथों में सौंपने संबंधी प्रस्ताव को इसी महीने मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
एएआई के निदेशकमंडल ने अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, त्रिचि और रायपुर हवाईअड्डों को सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत निजी हाथों में सौंपने की मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 1 मई को नागरिक उड्डयन क्षेत्र के मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में इन हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए प्रक्रिया तेज कर तीन महीने के भीतर निविदा जारी करने का निर्देश दिया था।
पहले चरण में जिन छह हवाई अड्डों के लिए निविदा जारी की गई थी उनका सम्मिलित सालाना राजस्व एक हजार करोड़ रुपये और मुनाफा 540 करोड़ रुपये था, जबकि निजीकरण से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को एकमुश्त 2,300 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। दूसरे चरण को मिलाकर 12 हवाई अड्डों पर निजी संचालक कंपनियों द्वारा 13,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।