रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के बैहार गौठान में गोबर की खरीदी कर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने हरेली पर्व और गोधन न्याय योजना के लिए सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। शुभारंभ कार्यक्रम में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चैबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बाद सरकार ने किसानों और ग्रामीणों के बेहतरी के लिए गोधन न्याय योजना की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार देश-दुनिया की पहली सरकार है, जिसने शासकीय दर पर गोबर की खरीदी शुरू की है। यह योजना बहुउद्देशीय और सभी लोगों के लिए लाभकारी है। गोबर की खरीदी से पशुधन के सरंक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। खेतांे में पैरा जलाने पर रोक लगेगी। पर्यावरण प्रदूषण रूकेगा। वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा मिलने से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। खुले में चराई की प्रथा पर रोक लगेगी, जिससे फसलों की सुरक्षा होगी। जैविक खाद के उपयोग से विष रहित अनाज उत्पादन और खेती की लागत में कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में कई समस्याएं हैं, लेकिन उनका ये मानना है कि खुले में पशुओं की चराई एक बड़ी समस्या है। इसके निदान के लिए गांवों में गौठान निर्माण (गरूवा) योजना की रूपरेखा सरकार ने तैयार की। इसके साथ ही नरवा, घुरूवा और बाड़ी को इसमें शामिल किया गया है। आज नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी छत्तीसगढ़ राज्य की चार चिन्हारी बन गए हैं, जिनके संवर्धन का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ग्रामीण और किसान जिनके पास चार-पांच मवेशी हैं, उन्हें गोधन न्याय योजना के माध्यम से हर महीने चार-पांच हजार रूपए तक की अतिरिक्त आय होगी। उन्होंने लोगों से पशुधन केे चारे के प्रबंध के लिए गांव के गौठानों को पैरादान करने की भी अपील की। मुख्यमंत्री ने गौठानों में हरे चारे की व्यवस्था करने का भी आग्रह किया।