मोक्षदा एकादशी का व्रत जीवन तमाम परेशानियों( problem) को दूर करने वाला माना गया है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का व्रत 3 दिसंबर 2022, शनिवार को रखा जाएगा।
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पौराणिक कथा के अनुसार चंपा नगरी में राजा वैखानस का राज था. नगर की जनता राजा की प्रजा के प्रति न्याय व्यवस्था से बहुत खुश थी. वह अपनी जनता है पूरा ख्याल रखते थे. एक रात राजा ने सपने में देखा की उनके पूर्वज नरक की प्रताड़ना झेल रहे हैं. पितरों की स्थिति का जानकर वह बहुत दुखी हुआ।
व्रत के प्रभाव से पितर नरक( narak) से मुक्त हो जाएंगे
वैखानस राज पुरोहित की बात सुनते ही पर्वत ऋषि के आश्रम पहुंचे और नरक भोग रहे पितरों की मुक्ति का मार्ग जानने का आग्रह किया. महात्मा पर्वत ने बताया कि उनके पूर्वज ने अपने पिछले जन्म में एक पाप किया था, जिस कारण वो नर्क की यातनाएं भोग रहे हैं. ऋषि बोले मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी पर श्रीहरि विष्णु का विधि पूर्वक व्रत, और दान करें. इस व्रत के प्रभाव से पितर नरक से मुक्त हो जाएंगे, ऐसा कहा जाता है।