केन्द्र में 11 महिला स्व-सहायता समूह शामिल होंगे लगभग 150 महिला सीधे केन्द्र से जुड़ेगे और 16000 से अधिक संग्राहक परिवार उच्च आय प्राप्त कर अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठाएंगे
राज्य शासन ने ग्रामीण उद्यम पार्क की स्थापना के लिए 7.42 करोड़ की स्वीकृति दी जाएगी
। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले सुदूर वनांचल क्षेत्र विकास खण्ड मुख्यालय देवभोग के समीप गांव इंदागांव में वनोपज पर आधातित ग्रामीण उद्यम पार्क लघु वनोपज की स्थापना जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज इसका शुभारंभ किया।
इंदागांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत बहुतायात मात्रा में लघु वनोपज जैसे-महुआ फूल सुखा, चिरौंजी गुठली, दाल, महुआ बीज, लाख इत्यादि वनोपज पाए जाते है।
देवभोग में ग्रामीण उद्यम पार्क, की स्थापना का उद्देश्य उक्त क्षेत्र में पाए जाने वाले कच्चे माल की उपलब्धता को देखते हुए मूल्यवर्धन करना एवं उक्त क्षेत्र के महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक ढांचे में महिला वर्ग का सशक्तिकरण के लिए उत्प्रेरक होगा। उक्त केन्द्र में कुल 11 महिला स्व-सहातया समूह शामिल होंगे जिसके अंतर्गत लगभग 150 महिला सीधे केन्द्र से जुड़ेगे एवं उक्त विकासखण्ड अंतर्गत 16000 से अधिक संग्राहक परिवार उच्च आय प्राप्त कर अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकते है।
प्रस्तावित ग्रामीण उद्यम पार्क – ग्रामीण उद्यम पार्क देवभोग में प्रस्तावित प्रसंस्करण इकाई की जानकारी निम्नानुसार है- चिरौंजी प्रसंस्करण, लाख प्रसंस्करण, दाल प्रसंस्करण, नीम, महुआ एवं कुसम तेल प्रसंस्करण, मसाला प्रसंस्करण छ.ग.राज्य उद्योग विकास निगम मर्या रायपुर द्वारा ग्रामीण उद्यम पार्क की स्थापना हेतु लागत राशि रु. 7.42 करोड़ की लागत से की जावेगी। सचिव भारत सरकार मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इण्डस्ट्रीज नई दिल्ली से 3.75 करोड़ ग्रामीण उद्यम पार्क से 2.00 करोड़ तथा शेष 1.67 करोड़ रुपये छ.ग. राज्य लघु वनोपज संघ, जिला वनोपज सहकारी संघ एवं वनधन विकास केन्द्र से प्रदाय किया जाएगा ।
उपरोक्त परियोजना से देवभोग क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में समग्र सामाजिक आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी जो किसी भी कुटीर उद्योग / प्रसंस्करण केन्द्र से रहित रहा है। यह छ.ग. राज्य लघु वनोपज संघ और गरियाबंद जिले को पहचान बनाने के लिए पूरे देश में कृषि-वन उपज का विपणन सुनिश्चित करते हुए ब्लॉक में क्रांति ला सकता
है।