सक्ती। CG NEWS : जिले के पर्यटन स्थल प्रशासनिक उदासीनता के चलते उपेक्षित हैं। इसके कारण न तो जिले में बाहरी पर्यटक आ रहे हैं और न ही पयर्टन मानचित्र पर जिले का बेहतर स्थान बन पा रहा है। ऐसे में यहां के महत्वपूर्ण पयर्टन स्थलों के भ्रमण व दर्शन लाभ से लोग वंचित हो रहे हैं। सर्वाधिक उपेक्षित सक्ती ब्लाक का दमऊधारा जलप्रपात है जहां पर्यटन विभाग का कोई भवन तक नहीं है। जिले में दमउदहरा ऋषभ तीर्थ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। पुरातात्विक महत्व के इस स्थान में पर्यटकों के रूकने आदि का समुचित इंतजाम बिल्कुल भी नहीं है। जिसके चलते पर्यटक आकर्षित नहीं हो रहे हैं।
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इस महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल की प्रशासन द्वारा उपेक्षा किये जाने से यह लगातार उजड़ता चला जा रहा है। दमऊधारा क्षेत्र में जंगल की सुरक्षा पर किसी का ध्यान नहीं है अवैध रूप से वनों की कटाई लगातार होती ही रही है। मगर किसी को इससे सरोकार नहीं है। वन विभाग हर तरह की जतन करने की कोशिश कर रही है फिर भी जंगलो में पेड़ों के घनत्व क़म हो रहे हैं। सक्ती क्षेत्र के आस पास के अलावा 15 किलोमीटर की दूरी पर दमाऊ धारा से लेकर खरसिया तक पहाड़ों की एक श्रृंखला है, इन पहाड़ो मे सामने की तरफ और पीछे की तरफ छोटे-बड़े पेड़ों के जंगल है, सामने की तरफ हरियाली कम है, लेकिन पीछे की तरफ हरियाली ज्यादा है। इन हरे भरे जंगलों में भालू, जंगली सुअर व खरगोश पाए जाते है। सक्ती से करीब बीस किलोमीटर दूर गाड़ापाली के जंगल में गांव के लोगों ने बहुत सारे छोटे पेड़ों को काट दिया है। इन छोटे पेड़ों को स्थानीय भाषा में रवई कहा जाता है, पेड़ो को काटकर उनका ढेर लगाया गया है। गांव वाले जंगल के अंदर जलाऊ लड़की लेने जाते हैं लेकिन ये लोग घर की छत व बाड़ी के लिए भी हरे-भरे पेड़ों को काट देते हैं। ग्रामीणों को जागरूक करने व वनों की सुरक्षा के लिए नियमित पेट्रोलिंग आवश्यक है। अगर वनों की कटाई नहीं रूकी तो जंगली जानवरों का पलायन भी ग्रामीण क्षेत्र में भी बढ़ जाएगा।