रायपुर। RAIPUR NEWS : राजधानी रायपुर में पुलिस का एक गजब कारनामा सामने आया है। 10 रुपये के RTI आवेदन पर पुलिस ने ऐसी जानकारी आवेदनकर्ता को दे दी, जिसे वह चाह कर भी करोड़ो रूपये में प्राप्त नहीं कर सकता था।
मामला ऐसा है कि सीएसपी कोतवाली “योगेश साहू” ने थाना गंज में दर्ज- छेड़छाड़ के अपराध में आरोपी “संजीव अग्रवाल” को उनके RTI आवेदन में भाजपा नेत्री सावित्री जगत, मैट्स यूनिवर्सिटी के संचालक गजराज पगारिया, ISBM यूनिवर्सिटी के संचालक विनय अग्रवाल सहित छेड़छाड़ की पीड़िता व मामले की गवाह का “CDR(कॉल डिटेल रिकॉर्ड)” दे दिया, जो कि पूर्णतः निजी, गोपनीय और व्यक्तिगत जानकारी होती है।
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इस मामले में जब राजधानी में पदस्थ CSP कोतवाली योगेश साहू से संवाददाता ने जानकारी लेनी चाही तो, साहब ने उल्टा पत्रकार को ही कानून का वह पाठ पढ़ा दिया, जिसके लेखक वो खुद है। शायद लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के दौरान सीएसपी ने RTI एक्ट की शायद कोई दूसरी किताब पढ़ ली होगी। जिससे उन्हें उस कानून की जानकारी दूसरी है जो भारत में प्रचलित RTI एक्ट से भिन्न है। सीएसपी का कहना था कि उन्हें किसी भी व्यक्ति का कॉल डिटेल रिकॉर्ड देने का अधिकार है, और आरोपी को प्राप्त करने का अधिकार कानून के तहत है।
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यह कहता है RTI एक्ट
RTI कानून की धारा 8(1)किसी तीसरे पक्ष की जानकारी का खुलासा करने पर रोक लगाता है। वही धारा 8(1)(जे) में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि ऐसी सूचना के खुलासे से छूट देता है जो निजी सूचना से संबंधित है और जिसके खुलासे से किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित का कोई संबंध नही है या जिससे व्यक्ति के निजता का अवांछित उल्लंघन होगा” अर्थात किसी नागरिक को किसी भी व्यक्ति की निजी और व्यक्तिगत जानकारी लेने का कोई अधिकार नही है। यह बात केंद्रीय सूचना एजेंसी ने भी कई दफ़ा कही है।
अब सीएसपी ने छेड़छाड़ के आरोपी को यह गोपनीय और निजी जानकारी जो साझा की है, उसका परिणाम ये है कि तथाकथित कांग्रेसी नेता संजीव अग्रवाल उस दस्तावेज को लिए घूम रहे है और मीडिया के सामने साबित करने में लगे हुए है कि उनके खिलाफ षडयंत्र हुआ है, जबकि इसकी पुष्टि अब तक पुलिस के किसी अधिकारी ने ना ही कोर्ट में की और ना नहीं प्रेस के सामने।
न्यायालय में CSP की शिकायत करेंगी भाजपा नेत्री
फ़िलहाल CSP की इस करतूत के खिलाफ भाजपा नेत्री सहित अन्य प्रसिद्ध बुद्धिजीवी न्यायालय की शरण में जाने की बात कहते है, देखना यह होगा कि प्रशासन में बैठे उच्च अधिकारी क्या इस मामले को संज्ञान में लेकर कोई कार्यवाही करते है या फिर छेड़छाड़ सहित अन्य गंभीर अपराधों के आरोपी 10 रुपये में RTI आवेदन लगा किसी भी व्यक्ति की कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवा निजता भंग करते रहेंगे और पुलिस उनका साथ देती रहेगी।