कवर्धा। आज के युग में शादी ब्यााह में माता पिता अपनी बेटी को किमती जेवर और जरूरी सामानों को दहेज में देकर विदा करते हैं, लेकिन कबीरधाम जिले मेे में एक एैसी समुदाय निवास करती है जो अपनी बेटी के शादी में कुछ दे ना दे लेकिन एक दर्जन साप उसे दहेज में देना ही होगा , दहेज में दर्जन भर सांप नही तो बेटी की बिदाई नही हो सकती।
कबीरधाम जिले के विकासखण्ड बोडला अन्तर्गत ग्राम बांधाटोला में एैसी ही एक सांवरा समुदाय निवास करती है ,जिनकी शादी मे अपनी बेटी को एक दर्जन सांप उपहार स्वरूप देना होता है, इसलिए यहां हर घरों में आप को अलग अलग प्रकार और खतरनाक सांप मिलेगें। भले ही हम और आप सांपों से डरते हो लेकिन आर्थिक अभाव में जी रहे इस समुदाय के लोगों और बच्चों के लिए सांप ही खेल की सामाग्री है और वही रोजी रोटी का साधन, बच्चे और बडे सांपों के बीच ही रहते हैं, इनकी माने तो यह परम्परा बरसों से चली आ रही है, इसलिए ये सांप को पकड़ते है और उनका पालन करते है, एैसा नही है कि इन्हे सांप ने नही डसा हो, कई बार इन्हे साप काट लेते है लेकिन ये जडी बुटी से सांप काटे का उपचार भी कर लेते है। इस समुदाय के लोग नागपंचमी और अन्य दिनों में लोगों के बस्ती चैक चैराहों पर इन सांपो का प्रदर्शन कर अपनी जीविकोंपार्जन चलाते है। यही कारण है कि वे अपनी बेटी की शादी में दर्जन भर सांप दहेज में देते है ताकि वे इन सांपों को बस्तीयों में जाकर लोगों को प्रदर्शन कर रूपये प्राप्त कर सकें।