जयपुर : देश में एकता के साथ समानता का कानून संविधान में दर्ज है। जिसकी बदौलत आज महिला और पुरुष को बराबर विकाश के मौके दिए जाते हैं। लेकिन कई ऐसी समस्याएं रहती हैं। जिनका महिला को होती है लेकिन पुरुष को नहीं, जैसे पीरियड्स। इन दिनों में महिलाओं के लिए कार्यालय में काम करने के साथ खुद को संभालना उतना ही कठिन रहता है। जितना कि दो छोटे बच्चों को संभालना। कई बार इसका असर हेल्थ पर गंभीर रूप से भी पड़ने लगते हैं। जिसके बाद कई बीमारियां भी देखी गई है। इस समस्या को लेकर राजस्थान सरकार को समाज कल्याण बोर्ड एक पत्र लिखने जा रहा है। जिसमें इन कठिन दिनों की के लिए वर्क फ्रॉम होम करने की मांग की है।
राज्य समाज कल्याण बोर्ड ने सरकार को प्रस्ताव भिजवाया है। प्रस्ताव के अनुसार सरकारी दफ्तरों में काम करने वाली महिलाओं को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रोम होम की सुविधा देने का सुझाव दिया है। इसके लिए सेवा नियमों में बदलाव करके वर्क फ्रोम होम का प्रावधान जोड़ने का सुझाव है। समाज कल्याण बोर्ड की शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक में यह प्रस्ताव सरकार को भेजने का फैसला किया गया।
बोर्ड बैठक में सरकार को नौ तरह के प्रस्ताव भेजने का फैसला किया गया। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को होने वाली दिक्कतों का जिक्र करते हुए उन्हें घर से काम करने की सुविधा देने का प्रावधान करने को कहा है। सरकारी दफ्तरों में अभी महिलाओं को डिलीवरी पर मैटरनिटी लीव मिलती हैं, लेकिन पीरियड्स में छुट्टी सहित किसी तरह कोई रियायत नहीं मिलती। बोर्ड का तर्क है कि पीरियड्स के दौरान कई बार वर्क प्लेस पर महिलाओं को भारी परेशानी होती हैं, इसलिए उन्हें वर्क फ्रोम होम की सुविधा देनी चाहिए।
राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा ने कहा कि समाज कल्याण बोर्ड का गठन महिला और बच्चों के कल्याण के लिए प्रभावी नियम बनाकर उन्हें लागू करने के मकसद से किया है। बोर्ड समय-समय पर सुझाव देता है। महिलाओं को पीरियड्स में घर से काम करने की सुविधा देने का सुझाव सरकार को भेजा जा रहा है।