जशपुर। CG NEWS : जिले में हाथी-मानव द्वंद्व कम करने के उद्देश्य से हाथी मित्र पाठशाला का शुरुआत किया गया। इसमें पहले कुछ चुनिंदा ग्रामीण हाथियों के बीच रहकर बचाव के तौर-तरीके सीखेंगे। इसके बाद प्रशिक्षित ग्रामीण वनकर्मियों के साथ अन्य ग्रामीणों को हाथियों के साथ रहने और सामना होने पर बचाव के तरीके सिखाएंगे।
बता दें कि जशपुर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के सरकरा गांव में हाथियों के कई दल विचरण कर रहे हैं। हाथियों के हमले से दो माह के भीतर जिले में चार ग्रामीणों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, एक हाथी का बच्चा सहित तीन हाथियों की भी मृत्यु हो चुकी है। हाथी मित्र दल और वन प्रबंधन समिति के सदस्य मिल कर, वनकर्मियों और जिले के दूसरे हाथी प्रभावित गांव के रहवासियों को हाथियों के साथ सुरक्षित रहने का गुरूमंत्र देगें।
वन मंडला अधिकारी जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि सरकरा के हाथी मित्र दल के सदस्य बीते दस साल से अधिक समय से हाथी प्रबंधन का काम कर रहे हैं। अपने अनुभव से समिति के सदस्यों ने हाथी के व्यवहार के संबंध में काफी कुछ जाना और सीखा है। अब अपनी इसी सीख को वे हाथी प्रभावित अन्य गांव के लोगों को बताएंगें और हाथियों के साथ सुरक्षित तरीके से रहने के लिए प्रेरित करेगें। उन्होनें बताया कि इस काम में सहयोग देने के लिए अंबिकापुर से हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे को भी बुलाया गया है। इस विशेष पाठशाला में हाथी प्रबंधन की तकनीकि पहलु की विस्तार से जानकारी देगें। हाथी मित्र पाठशाला के शुभारंभ के अवसर पर डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय,हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे के साथ हाथी मित्र दल के अध्यक्ष सुखदेव,सुरेन्द्र यादव के साथ वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।