कुरुद। Shrimad Bhagwat Katha : खेल मेला मैदान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा का रसपान करने के लिए हजारों की संख्या में भक्तगण उमड़े। कथा के चौथे दिन कथा प्रवक्ता सुश्री जया किशोरी ने वामन अवतार कथा का सार बताया। साथ ही श्री रामजन्मोत्सव, श्री रामकथा, श्री कृष्ण जन्मोत्सव का वर्णन भी किया गया।
व्यासपीठ से माता सुश्री जया किशोरी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षण भंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों। उन्होंने बताया कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईषर्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
वामन अवतार की कथा के सार के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जन्मोत्सव व श्रीरामकथा का वर्णन करते हुए जया किशोरी जी ने कहा कि श्री राम जी त्याग, आदर्श व कर्तव्यनिष्ठ थे। वे नम्र ,सरल व महान व्यक्तित्व के धनी थे।उनका जीवन से हमें हमेशा आदर्शों पर चलते हुए जीवन को महान बनाने की प्रेरणा देती है। अंत मे श्री कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान मधुर संगीत में हजारों की संख्या में भक्त झूमते नजर आए। साथ ही आरती व प्रसादी वितरण के साथ चौथे दिन की कथा का समापन हुआ।