जगदलपुर। बीजापुर जिले का तेलंगाना से सटा गांव पामेड़ शुक्रवार की शाम बिजली की रोशनी से नहा उठा। स्वतंत्रता के 73 साल बाद ग्रामीण अंधेरे से मुक्ति का उत्सव मना रहे थे। बस्तर के सुदूर गांवों में 80 के दशक में इसी रास्ते से नक्सलवाद का अंधियारा आया था। अब उसी रास्ते पर बिजली का तार बिछा है। करंट दौड़ रहा है। सुकमा और बीजापुर जिलों के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में छत्तीसगढ़ की ओर से बिजली लाइन बिछाना संभव नहीं था। इसका विकल्प तेलंगाना के रास्ते निकला।
सुकमा जिले के बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता जोसेफ केरकेट्टा बताते हैं कि छत्तीसगढ़ से तो इन इलाकों तक रास्ता ही नहीं है। तेलंगाना की ओर से भी लाइन बिछाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कलेक्टर चंदन कुमार ने मैदानी अमले में उत्साह भरा।
गोलापल्ली और किस्टारम इलाके के कई गांव घने जंगलों के बीच बसे हैं। इन गांवों में मजदूर का पहुंचाना भी मुश्किल था। तेलंगाना की ओर से सड़क गांव के नजदीक तक है इसलिए नक्सली खतरों के बीच काम किया गया। मरईगुड़ा गांव सीमा से एकदम सटा हुआ है। इसी रास्ते से इसे गोलापल्ली और किस्टारम तक तार बिछाया गया और पामेड़ सहित 10 गांवों तक बिजली पहुंची है।
बिजली बिल तेलंगाना के खाते में
छत्तीसगढ़ का बिजली विभाग उपभोक्ताओं से बिल वसूलकर तेलंगाना के खाते में भेजेगा। जनसुविधा के लिए दोनों राज्यों ने आपसी सहमति बनाई है। केरकेट्टा ने बताया कि कोंटा की ओर से गोलापल्ली तक सड़क का काम पूरा होने के बाद सब स्टेशन स्थापित किया जाएगा। उसके बाद छत्तीसगढ़ की ओर से भी बिजली पहुंच पाएगी।
राज्य सरकार के आबकारी मंत्री और स्थानीय विधायक कवासी लखमा ने बताया कि भाजपा शासनकाल में एक बार वह मरईगुड़ा में रात में रूके थे। सुरक्षा कारणों से उन्हें थाने में ही रूकने को कहा गया पर वहां मच्छर इतने ज्यादा थे कि वे सो नहीं पाए। इसके बाद वह तेलंगाना जाकर वहां के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मिले और बिजली देने की गुजारिश की। तब लखमा विधायक थे और बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाई। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस मामले में तेजी आई और काम पूरा हुआ।
मुख्यमंत्री का इनका कहना है
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निर्देश है कि सबसे गरीब और पिछड़े लोगों के लिए काम करें। हम उनकी मंशा के अनुरूप ही प्राथमिकता तय कर रहे हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विकास शासन की प्राथमिकता है। इस इलाके के अन्य गांवों में भी जल्द बिजली पहुंचाई जाएगी।