बढ़ती महंगाई के बीच खाने का तेल पहले से सस्ता हो चुका है. इसका सबसे बड़ा कारण, मलेशिया के बाजार में गिरावट जारी है. वहीं डॉलर ( dollar)के मुकाबले रुपये की स्थिति अच्छी होने से भी आयतित तेल की कीमतें ( price)सस्ती पड़ रही है
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आज सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली जबकि सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे।
विदेशों में खाद्यतेलों के दाम काफी टूटे
सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्यतेलों के दाम काफी टूटे हैं और देशी तेल तिलहनों की लागत अधिक होने के कारण सरसों, मूंगफली और सोयाबीन, बिनौला जैसे देशी हल्के तेल तिलहन कीमतों ( price)पर भारी दबाव है।
मूंगफली तेल के 900 ग्राम के पैक पर लगभग 170 रुपये की लागत
सूत्रों ने कहा कि खुदरा में मूंगफली तेल के 900 ग्राम के पैक पर लगभग 170 रुपये की लागत बैठती है मगर इस पर एमआरपी 240 रुपये छपा है.।यह छोटी-छोटी बातें तेल कीमतों के सस्ता न होने की वजह हो सकती हैं।